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हमीरपुर: कोरोना वायरस पर अच्छी खबर, मरीजों की संख्या घटी, रिकवरी रेट बढ़ा

मई में जिले में कोरोना के सिर्फ पांच केस मिले थे। इसके बाद जून में संख्या में तेजी से उछाल आया और संख्या बढ़कर 77 पहुंच गई थी। जुलाई में इसमें और भी तेजी दर्ज की गई और कुल 237 नए केस दर्ज किए गए।

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Published on: 17 Dec 2020 7:00 PM IST
हमीरपुर: कोरोना वायरस पर अच्छी खबर, मरीजों की संख्या घटी, रिकवरी रेट बढ़ा
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हमीरपुर: कोरोना वायरस पर अच्छी खबर, मरीजों की संख्या घटी, रिकवरी रेट बढ़ा (PC: Social Media)

हमीरपुर: अप्रैल से चल रही कोरोना लहर अप्रत्याशित तौर पर नवंबर-दिसंबर में काबू में रही है। इन दोनों महीनों में जहां नए केसों की संख्या में कमी आई है, वहीं रिकवरी रेट भी बढ़ा है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत भरा रहा है।

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मई में जिले में कोरोना के सिर्फ पांच केस मिले थे

मई में जिले में कोरोना के सिर्फ पांच केस मिले थे। इसके बाद जून में संख्या में तेजी से उछाल आया और संख्या बढ़कर 77 पहुंच गई थी। जुलाई में इसमें और भी तेजी दर्ज की गई और कुल 237 नए केस दर्ज किए गए। अगस्त और सितंबर माह में कोरोना केस अपने चरम पर पहुंच चुके थे। अगस्त में कोरोना पॉजिटिव 348 और सितंबर में 399 रिकार्ड मरीज कोरोना की चपेट में आए। अक्टूबर में इन दोनों महीनों के मुकाबले कोरोना मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की गई और 238 नए केस जिले में मिले।

नवंबर और दिसंबर माह में सर्दी के साथ ही कोरोना केसों में उछाल आने की संभावना जताई जा रही थी

नवंबर और दिसंबर माह में सर्दी के साथ ही कोरोना केसों में उछाल आने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन इन दोनों महीनों के जो नतीजे रहे, वह संभावनाओं से कहीं उलट थे। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में 57, दूसरे सप्ताह में 74, तीसरे में 57 और चौथे सप्ताह में 50 मरीजों के साथ 238 पॉजिटिव थे। इसी तरह नवंबर के प्रथम सप्ताह में 41, दूसरे में 22, तीसरे में 51 और चौथे सप्ताह में 50 नए मरीजों के साथ 164 पॉजिटिव मिले। दिसंबर की 15 तारीख तक जिले में 67 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके है। ऐसी संभावना थी कि सर्दी के साथ ही केसों में उछाल आएगा, मगर ऐसा नजारा फिलहाल यहां देखने को नहीं मिल रहा है। इसी अवधि में 87 मरीज कोरोना से ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि जिले में कोरोना से अब तक 21 लोगों की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है वह पूर्व में किसी न किसी बीमारी से भी ग्रसित थे। कोरोना की चपेट में आने से उनकी पुरानी बीमारियां भी उभर आई। मरने वालों में सबसे कम उम्र की 12 साल की बच्ची और सबसे उम्रदराज में 72 साल के बुजुर्ग है। इधर, नवंबर-दिसंबर में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। जिले में अब तक 1533 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, जिसमें 1475 ठीक हो चुके हैं। मौजूदा समय में 37 एक्टिव केस है। अब तक 2.08 लाख सैंपल लेकर जांच की जा चुकी है।

महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप ने बताया

महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप ने बताया कि कोरोना को लेकर अब भी एहतियात बरतने की जरूरत है। आंकड़े रोज ऊपर-नीचे हो रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि दिसंबर की 15 तारीख तक कुल 67 नए केस आए हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क हरहाल में लगाएं। इसमें कोताही न बरतें। भीड़भाड़ में खास एहतियात बरतने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस अधिक उम्र के लोगों के लिए ज्यादा घातक है। उम्र के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। लोग कई प्रकार की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है।

अन्य बीमारियां कोरोना को मात देने में बनीं बाधक

जनपद में कोरोना वायरस से सबसे पहली मौत 10 जून को राठ कस्बा निवासी 61 वर्षीय वृद्धा की हुई। वृद्धा कैंसर रोग से ग्रसित थी। दूसरी मौत 6 जुलाई को झांसी मेडिकल कॉलेज में राठ निवासी 70 वर्षीय वृद्ध की हुई। वृद्ध डायविटीज और हाइपरटेंशन के मरीज थे। 4 जुलाई को इन्हें झांसी में भर्ती कराया गया था। तीसरी मौत राठ निवासी 45 वर्षीय महिला की झांसी मेडिकल कॉलेज में 19 जुलाई को हुई। इस महिला की कोरोना से लड़ाई 20 दिनों तक चली। महिला को 29 जून को झांसी में भर्ती कराया गया था।

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महिला की मौत का कारण कोविड-19 था

महिला की मौत का कारण कोविड-19 था। राठ के ही 72 साल के बुजुर्ग की कानपुर मेडिकल कॉलेज में 18 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से मौत हो गई। बुजुर्ग डायविटीज और हाइपरटेंशन के मरीज थे। इसके अलावा राठ की ही 12 साल की बच्ची की इलाज के दौरान आगरा में मौत हुई थी। बच्ची कोरोना के साथ-साथ आंत की टीबी से ग्रसित थी। नवंबर म्में जिले में कोरोना से 21वीं मौत नगर पालिका परिषद की पूर्व महिला सभासद की हुई थी। 72 वर्षीय पूर्व सभासद सांस की बीमारी से ग्रसित थी।

रिपोर्ट- रविंद्र सिंह

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