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UP Handicapped Workers: सलाम उन्हें जिन्होंने दिव्यांगता को चुनौती दी, और बन गए मिसाल

UP Handicapped Workers: ऐसे तमाम युवा हुए हैं जिन्होंने दिव्यांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में लिया है और वह आगे बढ़े हैं।

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Newstrack Network
Published on: 12 Sep 2022 6:34 AM GMT
Handicapped workers in UP
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Handicapped workers in UP (photo: Newstrack)  

UP Handicapped Workers: दिव्यांगता शारीरिक कमजोरी नहीं होती, बस सोच बदलने की जरूरत है। इस चुनौती को वरदान बनाया जा सकता है। इसके लिए दिव्यांगजनों को मानसिक सहयोग की जरूरत है और ये सबसे बेहतर उनके परिवार और समाज के लोगों से मिल सकता है। जरूरत है उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किये जाने की। अगर उन्हें उनकी वास्तविक शक्ति का अहसास दिलाया जाये तो उनके साधारण से कुछ खास बनने में उन्हें देर नहीं लगेगी। ऐसे तमाम युवा हुए हैं जिन्होंने दिव्यांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में लिया है और वह आगे बढ़े हैं। दिव्यांग यदि सृजनात्मक कार्यों की ओर मुड़ता है तो राष्ट्रीय संपत्ति की वृद्धि में अपना बहुमूल्य योगदान देता है। इस तरह के स्वावलंबी दिव्यांग अपने परिवार या आश्रितों पर बोझ नहीं वह धीरे-धीरे उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ाते नजर आते हैं।

लो अब विनोद को भी देख लो. शाबाश. शायर व कवि दुष्यंत कुमार ने ये लाइन इनके लिए ही तो लिखी है- हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.

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ऐसे दिव्यांग हमारे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इनकी लगन और इनके जुझारूपन को सलाम।

मुस्कुराकर कर हर चुनौती स्वीकार करेंगे,

मुश्किल राहों पर चलकर मंजिल पार करेंगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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