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खुश खबरी: अब राज्य कर्मचारियों की एसीपी से 'वेरी गुड' की अनिवार्यता समाप्त
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्र ने इस आदेश का स्वागत करते हुये बताया कि राज्य कर्मचारियों को 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर अगला उच्च वेतन मैट्रिक्स प्रदान किया जाता है इसके लिए उनकी सेवा के दौरान की गयीं वार्षिक प्रविष्टियों को देखा जाता है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के लिए प्रसन्नता की खबर है। प्रदेश सरकार ने पांच माह पूर्व वेतन प्रोन्नति (एसीपी) के लिए चरित्र पंजिका में ‘बहुत अच्छा’ वेरी गुडद्ध लिखे जाने की अनिवार्यता को हटाने का फैसला कर लिया हैं। इस फैसले का शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्र ने इस आदेश का स्वागत करते हुये बताया कि राज्य कर्मचारियों को 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर अगला उच्च वेतन मैट्रिक्स प्रदान किया जाता है। इसके लिए उनकी सेवा के दौरान की गयीं वार्षिक प्रविष्टियों को देखा जाता है।
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वर्ष 2016 में 20 दिसम्बर को वित्त विभाग ने एक आदेश जारी कर यह बाध्यता कर दी थी कि कर्मी की प्रविष्टि में संतोषजनक सेवा के स्थान पर ‘बहुत अच्छा’ (वेरी गुड) अंकित हो इस बाध्यता से अनेक कर्मियों के एसीपी में समस्या आ रही थी ।
अतुल मिश्रा ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने इस मुद्दे को मुख्य सचिव के समक्ष रखा था, बीते साल 9 अक्टूबर और इस साल बीती 11 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कर्मचारी संगठनों के साथ हुई बैठक में कर्मचारी नेता अपनी इस मांग पर अड़ गये। जिसके बाद मुख्य सचिव ने भी इसके लिए सहमति व्यक्त करते हुए इस अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया।
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अतुल मिश्रा ने बताया कि अब वित्त विभाग ने एक शासनादेश जारी कर इसको संशोधित कर दिया है। अब पूर्व की तरह संतोषजनक सेवा अथवा पदोन्नति के लिए निर्धारित अहर्ता ही एसीपी के लिए आवश्यक होगी।
गौरतलब है कि 20 दिसम्बर को जारी हुये वित विभाग के शासनादेश के कारण प्रदेश के हजारों कर्मचारियों की एसीपी रूकी हुई थी। जिससे कर्मचारियों मे लंबे समय से रोष व्याप्त था।