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Hapur News: 1132 आवेदनकर्ता फर्जी तरीके से बनवाना चाहते थे शौचालय:जांच में हुआ खुलासा

Hapur News: बीते एक वर्ष में शौचालय बनवाने के लिए लगभग 2500 आवेदन जिला पंचायत राज विभाग को प्राप्त हुए है। इसमे से लगभग 1132 आवेदन ग्राम सचिव स्तर से पास कर भेज दिए गए। लेकिन उच्च अधिकारियों की जांच में आवेदन फर्जी मिले है।

Avnish Pal
Published on: 26 July 2023 5:08 PM IST
Hapur News: 1132 आवेदनकर्ता फर्जी तरीके से बनवाना चाहते थे शौचालय:जांच में हुआ खुलासा
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Swachh Bharat Mission scam

Hapur news: यूपी के जनपद हापुड़ में ग्रामीणों क्षेत्रों में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए केन्र्द सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है। लेकिन निचले स्तर के अधिकारी इस योजना में बड़ा खेल कर रहे है।आवेदनों पर हुई उच्च जांच में अनियमितताएं सामने आई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनवाने के लिए आये ये आवेदन

बीते एक वर्ष में शौचालय बनवाने के लिए लगभग 2500 आवेदन जिला पंचायत राज विभाग को प्राप्त हुए है। इसमे से लगभग 1132 आवेदन ग्राम सचिव स्तर से पास कर भेज दिए गए। लेकिन उच्च अधिकारियों की जांच में आवेदन फर्जी मिले है। जो नियमों को ताख पर रखकर निर्माण कराना चाहते थे।ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए केन्र्द सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाया जा रहा है।जिसके तहत लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय लिए आवेदन किए जा रहे है।एक शौचालय के निर्माण के लिए 16000 रुपये दिए जाते है।जिससे कि लोग योजना का लाभ पाकर शौचालय निर्माण करा सके।दो किस्तों में यह धनराशि दी जाती है। लेकिन इस योजना का जमकर दुरपयोग भी निचले स्तर पर मिल है।जो सरकारी धन की बर्बादी करना चाहते थे।इस मामले में जांच की गई ,तो इसी साल में विभाग को लगभग 45 प्रतिशत आवेदन फर्जी प्राप्त हुए है।

इन स्तरों से होती है शौचालय बनवाने वालो की जांच

जिस किसी भी व्यक्ति को शौचालय बनवाने के लिए आवेदन करना होता है।सबसे पहले गांव का प्रधान और ग्राम पंचायत, उसके बाद ब्लाक के अधिकारी ओर अंत मे जिला पंचायत राज्य अधिकारी कार्यालय से जांच की जाती है।इन जांचों के पूरा होने के बाद सभी हस्ताक्षर कराकर आवेदन को सही करार दिया जाता है।

जिम्मेदारों ने कहीं यह बात

हापुड़ डीपीआरओ वीरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, जो भी आवेदन प्राप्त होते है।उनकी तीन स्तर पर जांच की जाती है।जांच में कमी मिलने पर आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है।जनपद में सही आवेदन को ही पास कर शौचालय का निर्माण कराया जाता है।



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