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Hardoi News: सई नदी को बचाने का लिया संकल्प, जल संरक्षण के लिए उठाए जा रहे क़दम
Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सई नदी के पुनरुद्धार के लिए डीसीएम फाउंडेशन ने क़दम उठाए हैं। एक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम चलाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सई नदी के स्वरूप की सुरक्षा और सुधार है।
Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सई नदी के पुनरुद्धार के लिए डीसीएम फाउंडेशन ने क़दम उठाए हैं। एक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम चलाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सई नदी के स्वरूप की सुरक्षा और सुधार है। इस कार्यक्रम के तहत, डीसीएम फाउंडेशन ने नदी के पुनर्जीवन के लिए सरकारी और प्रशासनिक संरचनाओं के साथ मिलकर योजनाएं तैयार की हैं। इसके साथ ही, टोडरपुर और अहिरोरी क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि भी इस पहल का समर्थन कर रहे हैं।
आस्था और प्राकृतिक सम्पदाओं का प्रतीक
सई नदी का जनपद के लोगों के लिए एक अलग महत्व है, जो उनकी आस्था और प्राकृतिक सम्पदाओं का प्रतीक है। यह नदी लखीमपुर से शुरू होकर जौनपुर तक बहती है। सई नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए फाउंडेशन ने हरियावा क्षेत्र में सई नदी के किनारे लगभग 25000 पौधे रोपित किए हैं, जिससे नदी के जल प्रवाह में सुधार हुआ है। इसके साथ ही, डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन ने डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विशेषज्ञ डॉक्टर वेंकटेश दत्ता के सहयोग से लखीमपुर की झील में सई नदी के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित करने का कार्य आरंभ किया है।
नदी को बचाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार
डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन के अधिकारी ने बताया कि सई नदी को बचाने और पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने एक व्यापक प्रोजेक्ट तैयार किया है और इसपर शासनिक स्तर पर भी समर्थन प्राप्त किया है। यह कार्यक्रम टोडरपुर प्रमुख नीतू त्रिवेदी और अहिरोरी प्रमुख धर्मवीर सिंह के सहयोग से आगे बढ़ा। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र से सई नदी के पुनर्जीवन के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है और क्षेत्र पंचायत निधि से इसके लिए आवंटित धन का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, निजी स्तर पर भी लोगों ने इस पहल का समर्थन किया है और स्वयंसेवी संगठन भी इस कार्य में सक्रियता दिखा रहे हैं।
इस संकल्प के अंतर्गत, नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए भी क़दम उठाए जाएंगे। जनसाधारण के सहयोग से जहरीले पदार्थों के प्रयोग की रोकथाम की जाएगी और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। पहल के माध्यम से, सई नदी के पुनर्जीवन की योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए क़दम उठाए जा रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियां भी इस प्राकृतिक संपदा का आनंद उठा सकें।