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Hardoi News: 52 वर्ष पुरानी टंकी के भरोसे जलापूर्ति, बहुत से लोगों को नहीं मिल पा रहा पानी, भेजा गया प्रस्ताव
Hardoi News: इस टंकी की क्षमता 250 कनेक्शन की है। जबकि इससे 1200 कनेक्शन दे दिए गए हैं। आधा दर्जन वार्ड आज भी टंकी के पानी का इंतजार में हैं, कि आखिर कब उनके घरों में नल की टोंटी से पानी आएगा।
Hardoi News: एक्स इंडियन नेवी चेयरमैन रामाधार दीक्षित ने वर्ष 1971 में नगर की जनता को पानी की टंकी समर्पित कर करीब आठ किलोमीटर के एरिया में पाइप लाइन बिछवा कर घर-घर पानी पहुंचाया था। तब से लेकर आज तक कई चेयरमैन बने और विकास का मुद्दा लेकर जनता के बीच गए। दूसरी पानी की टंकी देने में कामयाब न हो सके। जिसके चलते 50 हजार की आबादी को एक मात्र पानी की टंकी पर निर्भर होना पड़ रहा है। आधा दर्जन वार्ड आज भी टंकी के पानी का इंतजार में हैं कि आखिर कब उनके घरों में टोंटी से पानी आएगा। बताते चलें कि नगर पालिका क्षेत्र में करीब 50 हजार की आबादी है। पेयजल के लिए एक टंकी स्थापित की गई। इस टंकी की क्षमता 250 कनेक्शन की है। जबकि इससे 1200 कनेक्शन दे दिए गए हैं। टंकी को भरने के लिए तीन ट्यूबवेल हैं। लेकिन बिजली समय पर न मिलने से टंकी को भरना भी दूभर हो रहा है। नगर में करीब 1500 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं। जिनमें से तमाम हैंडपम्प खराब पड़े हैं। कई हैंडपम्प री-बोरिंग का इंतजार कर रहे हैं।
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एक टंकी से नहीं हो पा रहा निदान
गोवर्धनपुर, नसरतनगर, आंशिक रूप से फतेगंज, पिनियामिर्जापुर, मोहिउद्दीनपुर मोहल्लो में टंकी का पानी जर्जर पाइपलाइन होने के चलते नहीं पहुंच पा रहा है। ऊंचाई पर भी होने से कई वार्डों में टंकी का पानी नहीं पहुंच रहा है। नीलेश गुप्ता ने बताया कि नगर में पानी की समस्या का निदान एक टंकी से नहीं हो सकता है। इसलिए एक पानी की टंकी का निर्माण मोहिउद्दीनपुर की तरफ होना चाहिए। ताकि आधी आबादी को भी टंकी का पानी मिल सके। वैसे, चुनावों के दौरान हर बार पानी की टंकी का मुद्दा बनकर उभरता है। लेकिन, चेयरमैन बनने के बाद पानी की टंकी का निर्माण नहीं करा पाते है। गोविन्द मोहन कनोजिया ने बताया कि गोवर्धनपुर में वर्षो से टंकी का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके चलते अधिकांश लोग इंडिया मार्का हैंडपंप और समरसेबल के ऊपर ही निर्भर हैं। हर बार पानी की टंकी बनने की आस रहती है। लेकिन चेयरमैन प्रत्याशी चेयरमैन बनने के बाद समस्या का निराकरण नहीं करा पाते सुबोध कुमार वर्मा ने बताया कि वर्षों पहले डाली गई पाइप लाइन जर्जर हो चुकी है। बरसात के दिनों में पाइप लाइन से गंदा पानी आने की समस्या बनी रहती है। इस समय पानी में बालू की भी समस्या बनी है। समस्या को ध्यान में रखकर जर्जर पाइप लाइन की जगह दूसरी पाइप लाइन बिछाई जानी चाहिए। ताकि स्वच्छ पानी नगर के लोगों को मिल सके। विमल कुमार गुप्ता ने बताया कि पानी की टंकी के सहारे ही बाजीगंज के अधिकांश लोग निर्भर हैं। जब ट्यूबल के मोटर आदि में खराबी हो जाती है, तो पानी को लेकर बड़ी किल्लत हो जाती है। हैंडपम्प का सहारा लेना पड़ जाता है। टंकी की ट्यूबवेलों और मोटरों की भी देखभाल समय से होनी चाहिए ताकि पेयजल किल्लत न हो।
पहले भी कई बार भेजे गए प्रस्ताव
पूर्व सभासद रहे नसीम नेता ने बताया कि नगर में पेयजल समस्या को लेकर कई बार शासन स्तर से पानी की टंकी बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजे गए। लेकिन अमली तौर पर मोहर न लगने के चलते आज तक पानी की टंकी का निर्माण न हो सका। पानी की टंकी के लिए चयनित स्थलों पर अब बारात रूकने के स्थल बनाए जा चुके हैं।