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Hardoi News: इस खेती से होती है लाखों की कमाई, कीट और मवेशियों की भी नहीं रहती टेंशन, हरदोई का युवा कर रहा ये खेती
Hardoi News: बांस की खेती ऐसी खेती है, जहां एक बार लगाने पर 25 से 30 साल तक इसकी कमाई की जा सकती है। इस खेती को करने में जितनी लागत लगती है, उससे दोगुना इस खेती में मुनाफा है।
Hardoi News: कोरोना संक्रमण ने देश की आर्थिक स्थिति को बिगाड़कर रख दिया था। तमाम युवाओं की नौकरी चली गई थी। लोग बेरोजगार हो गए थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों में आत्मविश्वास जगाने के लिए आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को कई कार्य बताए, जिससे कि देश का पढ़ा लिखा युवा अपना स्वयं का कार्य शुरू करके हजारों, लाखों रुपए कमा सकता है। प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत से प्रेरणा लेते हुए हरदोई के कई लोगों ने ऐसा कुछ कर दिखाया जो मिसाल बन गया।
बांस की खेती में हैं स्वर्णिम अवसर
हरदोई के युवा किसान ने ऐसी फसल उगाई जोकि ना जानवर खाते हैं और ना ही उस फसल को कीट-पतंगों से किसी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचता है। इन दिनों किसान मवेशियों से काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें प्रति बीघा हजारों रुपए का नुकसान मवेशियों की वजह से उठाना पड़ता है। ऐसे में इस युवा किसान द्वारा उगाई गई फसल से किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं। युवा किसान द्वारा बांस के पेड़ की खेती को करना शुरू किया गया है।
हरदोई में वैसे तो ज्यादा गेहूं, गन्ना, मक्का, धान की खेती देखने को मिलती है लेकिन इन फसलों के साथ किसान लगातार सूखे, बारिश, ओलावृष्टि से खेती में नुकसान की बात करता रहता है। जबकि बांस की खेती ऐसी खेती है, जहां एक बार लगाने पर 25 से 30 साल तक इसकी कमाई की जा सकती है। इस खेती को करने में जितनी लागत लगती है, उससे दोगुना इस खेती में मुनाफा है। इस खेती को जागरूकता के साथ करने से और भी बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है। वर्तमान में बांस की डिमांड बढ़ गई है, ऐसे में बांस की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है।
एक बार लगाने पर 25 से 30 वर्ष तक करें कमाई
हरदोई के रहने वाले युवा किसान राहुल सिंह ने बताया कि कुछ अलग सीखने को मिले इसके लिए उन्होंने बांस की खेती करने का निर्णय लिया। राहुल ने बताया कि यदि बांस की खेती को नियम से किया जाए तो एक बार बांस तैयार होने पर 25 से 30 वर्ष तक इसकी कमाई की जा सकती है।
दक्षिण भारत से आते है पौधे
युवा किसान राहुल सिंह ने बताया कि बांस की खेती के लिए कोई बीज नहीं आता, इसके लिए पौधे लैब में तैयार किए जाते हैं। भारत के अंदर कुछ ही स्थानों पर इन पौधों को तैयार करने का काम किया जाता है। बांस के पौधे दक्षिण भारत की एक लैब में तैयार किए जाते हैं, जहां से उनके द्वारा खेती करने के लिए पौधे मंगाए गए थे। बांस की एक पौधे की कीमत हरदोई तक मंगाने के लिए उनको ₹55 थी। उनके द्वारा 25 बीघे में बांस की खेती की गई है। 25 बीघा में लगभग 1000 बांस के पौधे लगाए गए थे जो कि अब काफी बड़े भी हो गए हैं। युवा किसान राहुल सिंह ने कहा कि बांस की खेती करने के लिए पहले वर्ष इसकी लागत 60 से 70 हजार रुपए के आसपास आती है। दूसरे वर्ष से प्राकृतिक तरीके से इसकी खेती होने लगती है। इस खेती को ज्यादा देखभाल की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। राहुल ने बताया कि एक एकड़ में लगभग ढाई लाख रुपए की कमाई बांस की खेती में हो जाती है।
कई कार्यों में बांस का किया जा रहा प्रयोग
बांस का इस्तेमाल बायोगैस और एथेनॉल ऑयल को बढ़ाने में किया जाता है। सरकार भी इस प्रोडक्शन को बढ़ावा दे रही है। आजकल बांस के फैब्रिक भी बनाए जाते हैं। बांस के फैब्रिक लोकल का वोकल की उपज हैं। दक्षिण भारत के हर घर में बांस के फैब्रिक तैयार किए जाते हैं। आजकल बांस का प्रयोग कई अन्य चीजों में भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर बांस की बनी बोतले भी वायरल हुई थीं, आने वाले समय में लोग प्लास्टिक को छोड़ बांस व मिट्टी के बर्तनों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में बांस की खेती काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।