×

Shardiya Navratri 2023: माँ दुर्गा के इस मंदिर में दूर-दूर से पहुँचते हैं श्रद्धालु, मां काली करती हैं सभी की मनोकामनाएं पूरी

Shardiya Navratri 2023: हरदोई के महोलिया शिवपार स्थित इस प्राचीन काली मंदिर में नवरात्र पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और माता की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 15 Oct 2023 2:29 PM IST (Updated on: 15 Oct 2023 2:31 PM IST)
X

Shardiya Navratri 2023 (Newstrack)

Shardiya Navratri 2023: आज से शरद नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। आज मां दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना मंदिर से लेकर घरों तक पूरे विधि विधान के साथ की जा रही है। पुरुष व महिलाएं अपनी मनोकामनाएं हेतु उपवास रखकर मां दुर्गा के प्रथम रूप की पूजा अर्चना कर रही हैं। मां दुर्गा के आगमन की तैयारी 14 अक्टूबर से ही मंदिरों व घरों में शुरू हो गई थी। भक्तों द्वारा मंदिरों के साज सज्जा व घरों में भी मंदिरों की पुताई की जाने लगी। बाजार में भी शारदीय नवरात्र को लेकर काफी रौनक नजर आई। श्रद्धालु मां के श्रृंगार की वस्तु खरीदते हुए नजर आए।

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2023: आज नवरात्रि का पहला दिन, नेताओं ने दी देशवासियों को बधाई, जानें पीएम मोदी और सीएम योगी ने क्या कहा

मां के प्रथम रूप शैलपुत्री का आज उपवास है। ऐसे में श्रद्धालुओं का सुबह से ही मंदिर पहुंचने का क्रम लगातार जारी है। मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। श्रद्धालु अपने साथ धूप, दीप, नारियल लेकर मां की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिरों में मां की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें दिखीं। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट है। प्रत्येक मंदिर पर पुलिस की पैनी निगाह बनी हुई है। पुलिस द्वारा किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा के चाक चैबंध प्रबंध किए हुए हैं। 14 अक्टूबर की शाम हरदोई पुलिस अधीक्षक केशव चंद्र गोस्वामी ने जनपद के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों समेत अन्य मंदिरों का निरीक्षण किया और जिम्मेदारों को सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

हरदोई के एक मंदिर में श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने पर चढ़ाते है जीभ

हरदोई के देहात कोतवाली क्षेत्र के महोलिया शिवपार स्थित एक प्राचीन काली मंदिर है। जहां नवरात्र पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और माता की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। सुबह 4ः00 बजे से ही इस मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो जाता है और देर रात तक श्रद्धालु यहां आते रहते हैं। इस मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था इतनी है कि यहां प्रतिदिन कोई ना कोई आयोजन होता रहता है। महीने में 20 दिन तो यहां लोगों की मनोकामनाएं पूरी होने पर भंडारे का आयोजन होता है जबकि भजन कीर्तन भक्तजन यहां प्रतिदिन करते रहते हैं। इस मंदिर के दर्शन के लिए जनपद के कोने-कोने से लोग हरदोई पहुंचते हैं।

भक्तों की आस्था ऐसी है की मनोकामना पूरी होने पर यहां लगभग एक दर्जन से अधिक भक्तों ने अपने अंगदान किए हैं। श्रद्धालुओं की मां काली को लेकर आस्था को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन सतर्क हुआ और यहां अब पुलिस का पहरा रहने लगा जिससे कि श्रद्धालु यहां अपना अंगदान ना कर सकें। प्राचीन काली मंदिर में श्रद्धालुओं के अंगदान करने से उनके जीवन पर संकट खड़ा हो गया था। उसको देखते हुए प्रशासन द्वारा फैसला लिया गया था।

भक्तों की झोली भारती है माँ काली

प्राचीन काली मंदिर के पुजारी दीपू ने बताया कि यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है। मंदिर की मान्यता है कि यहां मूर्ति जमीन से स्वयं प्रकट हुई थी, इसके बाद ग्रामीणों द्वारा इस मूर्ति को एक छोटे से मंदिर में रखकर पूजा अर्चना की जाने लगी। ग्रामीण प्रतिदिन मां दुर्गा के स्वरूप काली मां की पूजा अर्चना करने लगे। ग्रामीणों की मनोकामना भी धीरे-धीरे पूरी होने लगी। जैसे-जैसे इस बात की जानकारी लोगों को लगने लगी वैसे-वैसे भक्त दर्शन के लिए काली मंदिर पहुंचने लगे। आज भी लोग यहां शादी, बच्चे व घर गृहस्ती से संबंधित मनोकामनाएं मां काली से मांगने के लिए पहुंचते हैं।

श्रद्धालु यहां चुनरी के अलावा कलावा, चुनरी व ईंटा रखकर मनोकामनाएं माँगते हैं। श्रद्धालु कहते हैं जो भी इस मंदिर में सच्चे मन से मनोकामना मांगता है मां काली उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। श्रद्धालुओं ने बताया कि मां काली कभी भी अपने भक्त को निराश नहीं करती हैं। मंदिर के पुजारी दीपू ने बताया कि उनके पिता इस मंदिर के पहले पुजारी थे उसके बाद वह इस प्राचीन मंदिर की देख-रेख करते हैं। यहां आज भी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए कोई भी पुजारी नहीं रहता। यहां पुजारी सिर्फ मां की सेवा के लिए रहता है।

ये भी पढ़ें: PM Modi Garba Geet : नवरात्रि के मौके पर पीएम मोदी ने खुद के लिखे गीत को किया शेयर, लोग खूब कर रहे पसंद

क्या बोले श्रद्धालु

राजेश कुमार गुप्ता बताते हैं कि वह कई वर्षों से प्राचीन काली मंदिर में मां के दर्शन के लिए आते हैं। मां के दर्शन करने मात्र से उनके सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं। राजेश ने बताया कि मां ने उन्हें कभी भी निराश नहीं किया जो भी उन्होंने मन से मांगा मां ने उन्हें दिया। राजेश ने बताया कि हरदोई के दूर-दूर से लोग यहां मां के दर्शन के लिए आते हैं और हर एक श्रद्धालुओं की मां मनोकामना पूरी करती।

श्रीपाल गुप्ता ने बताया कि वे रेलवे गंज के निवासी हैं और उनका रोज का क्रम है कि वह सुबह स्नान के बाद सबसे पहले मां काली के दर्शन करने के लिए आते हैं उसके बाद वह अपने दिन की शुरुआत करते हैं। यह क्रम लगभग 10 वर्षों से अधिक से जारी है। श्रीपाल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मंदिर में कई बड़े चमत्कार होते हुए स्वयं अपनी आंखों से देखें हैं। मां ने कभी सच्चे मन से मंदिर में आने वाले अपने भक्त को निराश नहीं होने दिया।

शीला अग्रवाल ने बताया कि वह भी यहां कई वर्षों से आ रही हैं। शीला का कहना है कि यहां आकर मां के दर्शन मात्र से एक अलग से शांति मिलती है। मां के दर्शन करने से एक अलौकिक अनुभूति प्राप्त होती है। उनको कभी भी कोई समस्या होती है तो वह मां काली से अपनी समस्या को बताती हैं और मंदिर से घर पहुंचने पर सारी समस्याएं माँ हर लेती हैं। शीला अग्रवाल ने बताया कि जिस दंपति के संतान न हो रही हो वह यहां मन से संतान की प्रार्थना करें मां उसकी झोली जरूर भरती हैं। उन्होंने कई ऐसे दंपति देखे हैं जिन्हें काफी समय से संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी लेकिन मां के दर्शन करने व मनोकामना माँगने से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story