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Hardoi News: स्वास्थ विभाग के तालिबानी रवैये के चलते गई नवजात शिशु की जान, इस वजह से गर्भवती को नहीं किया था भर्ती

Hardoi News: गर्भवती महिला को भर्ती करने में 1 दिन से अधिक का समय लगने पर गर्भवती महिला की हालत बिगड़ जाती है जिसके अगले दिन मनोबल के बाद भर्ती हुई गर्भवती महिला एक शिशु को जन्म देती है जहाँ सीएचसी से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है जहां नवजात शिशु की मौत हो जाती है।

Pulkit Sharma
Published on: 27 May 2023 10:15 PM IST
Hardoi News: स्वास्थ विभाग के तालिबानी रवैये के चलते गई नवजात शिशु की जान, इस वजह से गर्भवती को नहीं किया था भर्ती
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(Pic: Newstrack)

Hardoi News: स्वास्थ्य विभाग सवालों के कटघरे में है। स्वास्थ्य कर्मियों के तालिबानी रवैया व रिश्वतखोरी के चलते एक बार फिर एक मासूम ने अपनी जान को गवा दिया है। मामले की जानकारी सीएमओ, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को साक्ष्य के साथ पीड़ित द्वारा उपलब्ध कराई गई है। सीएमओ द्वारा जांच कमेटी गठित कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साक्ष्य में पीड़ित द्वारा लगातार स्वास्थ्य कर्मियों से गर्भवती महिला को भर्ती करने की विनती करता है पर रुपयों के चलते स्वास्थ्य कर्मी गर्भवती महिला को भर्ती नहीं करते हैं।

गर्भवती महिला को भर्ती करने में 1 दिन से अधिक का समय लगने पर गर्भवती महिला की हालत बिगड़ जाती है जिसके अगले दिन मनोबल के बाद भर्ती हुई गर्भवती महिला एक शिशु को जन्म देती है जहाँ सीएचसी से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है जहां नवजात शिशु की मौत हो जाती है। कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य कर्मियों के तालिबानी रवैया के चलते गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया था गर्भवती महिला का पति स्वास्थ्य कर्मियों के आगे काफी देर तक गिड़ गिराया लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों के अड़ियल रवैये के आगे मेडिकल कॉलेज में उसको उपचार ना मिल सका।

इस मामले का संज्ञान उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लेते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से स्पष्टीकरण तलब किया था जिस में मेडिकल कॉलेज के प्रचार ने स्वास्थ्य कर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि संबंधित डॉक्टर के दुर्घटना के चोटिल हो जाने के चलते अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे जिसके चलते गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया गया था। अब देखना होगा कि हरदोई में लगातार स्वास्थ्य कर्मियों के तालिबानी रवैया पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक क्या कोई बड़ा कदम उठाते हैं या यूं ही स्वास्थ कर्मियों की लापरवाही के चलते नवजात शिशु दम तोड़ते रहेंगे।

रुपए की ख़ातिर चली गई नवजात शिशु कि जान

मामला बिलग्राम सीएचसी का है। जहां दुर्गागंज गांव के मजरा सरोना के रहने वाले रिशेंद्र कुमार की गर्भवती पत्नी प्रसव पीड़ा होने पर इलाज के लिए सीएचसी पहुंची थी। जहां ड्यूटी पर मौजूद तीन स्वास्थ्य कर्मियों ने उसकी पत्नी को भर्ती करने के एवज़ में ढाई हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।गर्भवती के पति द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों से रुपए ना होने की बात कही तो उसको वहां से भगा दिया गया और उसकी पत्नी को सीएचसी पर भर्ती नहीं किया गया जिसके बाद अगले दिन गर्भवती महिला अपने पति के साथ 15 सो रुपए लेकर बिलग्राम सीएससी पहुंची जहां बड़ी मान मनोबल के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिला को भर्ती तो कर लिया पर लगातार उसके साथ बदसलूकी करते रहे। पीड़ित महिला के पति का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उसकी पत्नी के साथ गाली गलौज भी की गई।

पीड़ित के पति ने बताया कि उसकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया जहां उसकी मौत हो गई।गर्भवती महिला के पति ने बताया कि यदि उसकी पत्नी को समय रहते इलाज मिल जाता तो आज उसका बच्चा जिंदा होता। गर्भवती महिला के पति ने दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।गर्भवती महिला के पति रिशेंद्र कुमार ने रिश्वतखोरी की बातचीत के दौरान का वीडियो बनाकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी और सीएमओ को भेजकर पूरे मामले की शिकायत की हैं।

क्या बोले ज़िम्मेदार

सीएमओ डा राजेश तिवारी ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। इसमें रिश्वतखोरी की बात सामने निकल कर आई है।पूरे प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित की गई है। विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



Pulkit Sharma

Pulkit Sharma

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