×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

हरि प्रबोधिनी एकादशी: श्रद्धालुओं से पटे काशी के घाट, आज से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

आज हरि प्रबोधिनी एकादशी है। इस खास मौके पर वाराणसी के गंगा घाटों पर में सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

Aditya Mishra
Published on: 8 Nov 2019 12:12 PM IST
हरि प्रबोधिनी एकादशी: श्रद्धालुओं से पटे काशी के घाट, आज से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
X

वाराणसी: आज हरि प्रबोधिनी एकादशी है। इस खास मौके पर वाराणसी के गंगा घाटों पर में सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अस्सी घाट तुलसी घाट, पंचगंगा घाट सहित शहर के प्रमुख घाटों पर भीड़ उमड़ी हुई है। दरअसल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को हरि प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाते हैं।

ये भी पढ़ें...वाराणसी में प्रदूषण का कहर, लोगों ने भगवान को बचाने के लिए उठाया ये कदम

विष्णु और तुलसी का होता है विवाह

इस दिन श्रद्धालु सुहागिनें और कुंवारी लड़कियां व्रत रखती हैं। माना जाता है कि इस दिन क्षीरसागर में चार महीनों के शयन के बाद भगवान विष्णु जगत के कल्याण के लिए जागते हैं।

शाम के समय तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन होता है।मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि शयन से जागते हैं।

ये देव के जागने यानी उठने की तिथि है, इसीलिए इसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं, चुनरी अर्पित करें। सुहागिनें सुहाग का सामान चढ़ाकर दान करें।

ये भी पढ़ें...वाराणसी पेयजल परियोजना प्रबन्धक के खिलाफ 3 माह में जांच पूरी करने का निर्देश

शुरू होते हैं मांगलिक कार्य

हरि प्रबोधिनी के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। शादी-ब्याह सहित सभी कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है। बाजारों में भी रौनक कहा जाती है। ये सिलसिला खरमास तक चलता है।

ये भी पढ़ें....वाराणसी: जलकल विभाग के ठेकेदार ने आखिर क्यों खाया जहर? यहां जानें



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story