TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बायोलॉजी अध्यापक भर्ती न होने के खिलाफ याचिका की सुनवाई जारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य को कोर्ट से रोक के बाद दोबारा निलंबित करने पर राज्य सरकार व बीएसए मिर्जापुर से चार हफ्ते में जवाब मांगा है तथा 28 जनवरी 19 को पारित निलंबन आदेश पर रोकलगा दी है।

Shivakant Shukla
Published on: 5 March 2019 7:37 PM IST
बायोलॉजी अध्यापक भर्ती न होने के खिलाफ याचिका की सुनवाई जारी
X
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग की जून 2016 की अध्यापक भर्ती में बायोजॉजी विषय होने के बावजूद विज्ञापित 304 पदों को वापस लेने की वैधता के खिलाफ याचिका की सुनवाई जारी है। कोर्ट ने याची से हलफनामा मांगा है कि क्या 2017 में भर्ती हुई थी, सुनवाई 6 मार्च को भी होगी।

राज बहादुर व दस अन्य की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र कर रहे है। याची का कहना है कि जब कालेजों में बायोलॉजी विषय हैं तो इसके शिक्षकों की नियुक्ति को प्रक्रिया से बाहर करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने आयोग से इस संबंध में जानकारी मांगी थी कि पद विज्ञापित होने के बाद क्यों वापस ले लिए गए।

ये भी पढ़ें- आसियान देशों की सैन्य मेडिसिन फील्ड ट्रेनिंग लखनऊ में 11 मार्च से

आयोग ने भर्ती से बायोलॉजी विषय के अध्यापक का पद न होने के आधार पर हटा लिया है। उनका कहना है कि जब सरकार ने पद ही नहीं स्वीकृत किये हैं तो उनकी भर्ती कैसे की जा सकती है। जब कि याचियों का कहना है कि जब विषय है तो अध्यापकों की भर्ती की जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने याची अधिवक्ता आलोक मिश्र से 2017 की भर्ती पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुनवाई जारी है।

बार-बार निलंबित करने पर बीएसए मिर्जापुर से जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य को कोर्ट से रोक के बाद दोबारा निलंबित करने पर राज्य सरकार व बीएसए मिर्जापुर से चार हफ्ते में जवाब मांगा है तथा 28 जनवरी 19 को पारित निलंबन आदेश पर रोकलगा दी है। याचिका की सुनवाई 3 अप्रैल 19 को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने विनोद कुमार शर्मा की याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता राजेश कुमर सिंह ने बहस की। मालूम हो कि याची 16 जुलाई 03 को मृतक आश्रित कोटे में प्राथमिक विद्यालय कछवा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की गयी। अप्रशिक्षित होने के कारण सरकारी योजना के तहत याची ने प्रशिक्षण लिया और बीटीसी पास किया। 2003 में याची की प्रोन्नति कर प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया। इसके बाद 30 जून 15 को ट्रांसफर किया गया।

ये भी पढ़ें- तालों के आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर, मरीज परेशान

याची को विद्यालय में मिड डे मील, रखरखाव जैसे कई अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया। कोर्ट ने निलंबन 21 अप्रैल 18 के आदेश पर रोक लगा दी और बीएसए मिर्जापुर प्रवीण कुमार तिवारी ने निलंबन आदेश 24 मई 18 को वापस ले लिया। इसके बाद ब्लाक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा कि उसने 14 जनवरी 19 को स्कूल का निरीक्षण किया। याची मौजूद नहीं था। मिड डे मील नहीं बना था। भवन की दशा दयनीय है। बाउण्ड्री गाइडलाइन के तहत नहीं है। अन्य कई आरोपों पर 28 जनवरी 19 को निलंबित कर दिया गया।

जबकि याची ने सफाई में कहा कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के कारण छात्र नहीं आये थे, मिड डे मील भी नहीं बनाया गया। अध्यापकों की हाजिरी का रजिस्टर नहीं मांगा गया। इन्हीं आरोपों पर निलंबन वापस लेने व कोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद व्यक्तिगत खुन्नस पर दोबारा निलंबिन किया गया है। बीएसए के वकील ने बताया कि याची को चार्जशीट दे दी गयी है।

ये भी पढ़ें- आतंकियों के मोह में फंसे पाक का झूठ बेनकाब, हाफिज के संगठनों पर अब तक नहीं लगाई पाबंदी



\
Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story