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हाईकोर्ट लखनऊ पीठः ट्रिब्युनल्स में खाली पदों को एक सप्ताह में भरें

यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने अवध बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल एक याचिका पर दिया। 31 मई के आदेश में कोर्ट ने ट्रिब्युनल्स में खाली पड़े पदों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, इन्हें 12 सप्ताह में भरने का आदेश दिया था।

राम केवी
Published on: 6 May 2023 12:27 AM IST
हाईकोर्ट लखनऊ पीठः ट्रिब्युनल्स में खाली पदों को एक सप्ताह में भरें
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मुख्य सचिव को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

विधि संवाददाता

लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह में तमाम ट्रिब्युनल्स में खाली पदों को भरने के सम्बंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने अवध बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल एक याचिका पर दिया। 31 मई के आदेश में कोर्ट ने ट्रिब्युनल्स में खाली पड़े पदों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, इन्हें 12 सप्ताह में भरने का आदेश दिया था।

कोर्ट में कहा गया था कि मानवाधिकार आयोग, आर्म्ड फोर्स ट्रिब्युनल व सर्विस ट्रिब्युनल समेत तमाम ट्रिब्युनलों और फोरम्स में पीठासीन अधिकारियों के कई पद खाली पड़े हैं। जिससे ट्रिब्युनलों में सुनवाई न हो पाने की दशा में हाईकोर्ट पर मुकदमों का बोझ बढ रहा है।

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कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि वह स्वयं इस मामले को देखें व 12 सप्ताह में सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति सुनिश्चित करें। कोर्ट ने 12 सप्ताह के बाद आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिये थे।

12 सप्ताह बीतने के बाद अनुपालन रिपोर्ट न दाखिल होने पर, कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा तो उन्होंने एक सप्ताह का समय दिये जाने की मांग की। जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने एक सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश मुख्य सचिव को दिया है। मामले की अग्रिम सुनवाई 20 सितम्बर को होगी।

आईएस अनुराग की मौत के केस में दाखिल अंतिम रिपोर्ट पर भाई ने कोर्ट में दाखिल की आपत्ति

कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में दाखिल अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की गई। सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की है।

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विशेष अदालत में यह अर्जी अनुराग के भाई मयंक तिवारी की ओर से दाखिल की गई है। इस अर्जी में सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी गई है। इस अर्जी में कहा गया है कि सीबीआई ने अपनी विवेचना में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं की अनदेखी की है। लिहाजा इसे निरस्त कर किसी एसपी रैंक के अधिकारी से इसकी विवेचना कराई जाए।

16/17 मई, 2017 को आईएएस अनुराग तिवारी की मौत स्थानीय मीराबाई मार्ग पर संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई थी। वो स्टेट हाउस गेस्ट हाउस में ठहरे थे। उनकी संदेहास्पद मौत पर उनके भाई मयंक तिवारी ने इस मामले की एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने अपनी विवेचना के बाद इस मामले में अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी।

कल्याण सिंह के मामले में सुनवायी 21 सितम्बर को

अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में सोमवार को भी सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) में कल्याण सिंह की राज्यपाल पद से सेवानिवृति के संदर्भ में कोई प्रमाणित तथ्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका। सीबीआई ने विशेष अदालत से इसके लिए कुछ और दिनों की और मोहलत की मांग की।

विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने सीबीआई की इस अर्जी पर मंजूर कर लिया। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय कर दी। बीते 11 सितंबर को भी सीबीआई ने प्रमाणित तथ्य प्रस्तुत करने के लिए अदालत से समय की मांग की थी।

क्या है मामला

बीते नौ सितंबर को सीबीआई ने विशेष अदालत में एक अर्जी दाखिल कर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को इस मामले में तलब करने की मांग की थी। सीबीआई का कहना था कि कल्याण सिंह अब संवैधानिक पद पर नहीं है। लिहाजा उन्हें इस मामले में बतौर अभियुक्त समन किया जाए। क्योंकि इस मामले में उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल है। लेकिन गर्वनर होने के नाते उन पर आरोप तय नहीं हो सका था।



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