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Gayatri Prajapati: पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति की हाईकोर्ट ने ख़ारिज की बेल की अर्जी
Gayatri Prajapati: पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति को कोर्ट से बड़ा झटका। लखनऊ बेंच ने दुराचार मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया।
Gayatri Prajapati Case Hearing: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की तरफ से बड़ा झटका लगा है। आज दुराचार मामले की सुनवाई में कोर्ट ने इनकी बेल याचिका ख़ारिज कर दी है। साल 2017 में इनके ऊपर रेप का आरोप लगा था। लखनऊ बेंच की तरफ से आज जस्टिस विवेक चौधरी और फ़ैज़ आलम ने की मामले की सुनवाई की। जिसपर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इनकी बेल याचिका ख़ारिज कर दी। आपको बता दें कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति इस समय आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। गायत्री प्रजापति पर आरोपों की बात करें तो इन्हे बलात्कार, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी का दोषी ठहराया गया था।
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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का क्या है मामला
साल 2017 में गायत्री प्रजापति के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगा था। जिसके बाद गायत्री प्रजापति के साथ छह अन्य लोगों पर थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व् पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। दरअसल गायत्री प्रजापति और उनके साथियो पर पीड़ित महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाते हुए यह कहा कि इन्होंने मेरी नाबालिक बेटी के साथ भी जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की थी। जिसके बाद इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में गायत्री प्रजापति समेत साथ अन्य लोग जिसमें विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व् रूपेश्वर के खिलाफ आईपीएसी की धारा 376 डी, 354ए ,509, 504 व 506 के तहत आरोप तय किये गए थे।
2021 में मिली उम्रकैद की सजा
इस मामले में जितने भी लोगों के ऊपर आरोप लगा था उसमें से आरोपी रूपेश्वर उर्फ़ रुपेश, चंद्रपाल, विकास व अमरेंद्र को सन्देश का फायदा देते हुए बरी कर दिया गया था जबकि अदालत ने गायत्री प्रजापति, अशोक शुक्ला व अशोक तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गायत्री प्रजापति के बारे में बात करें तो वो समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री थे। गायत्री प्रजापति ने परिवहन मंत्री और खनन मंत्री के रूप में भी कार्य किया है।