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कोरोना संक्रिमतों के लिए होम आइसोलेशन की नीति लागू की जाए: आईएमए यूपी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोविड संक्रिमतों की संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी न आने पाए इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख

Newstrack
Published on: 15 July 2020 1:09 PM GMT
कोरोना संक्रिमतों के लिए होम आइसोलेशन की नीति लागू की जाए: आईएमए यूपी
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लखनऊ: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोविड संक्रिमतों की संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी न आने पाए इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कोरोना के वैरी माइल्ड, प्रीसिम्प्टमैटिक और एसिम्प्टमैटिक मरीजों को होम केयर (आइसोलेशन) में रखने की नीति उत्तर प्रदेश में भी लागू करने तथा चिकित्सकों की परेशानियों को देखते हुए उनको भी होम आईसोलेशन में रहने की अनुमति दिए जाने की मांग की है।

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आईएमए यूपी के अध्यक्ष डा. अशोक राय तथा सचिव डा. जयंत शर्मा ने सीएम योगी को लिखा पत्र

आईएमए यूपी के अध्यक्ष डा. अशोक राय तथा सचिव डा. जयंत शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी होम आईसोलेशन के सम्बन्ध में एडवाइजरी जारी कर रखी है। उत्तर प्रदेश में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और भविष्य में अस्पतालों में जरूरतमंदों के लिए बिस्तर कम पड़ सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार की नीति में वैरी माइल्ड, प्रीसिम्प्टमैटिक और एसिम्प्टमैटिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सशर्त घर में ही आईसोलेशन करते हुए उनकी देखभाल की अनुमति होती है।

मरीजों के होम आईसोलेशन के बारे में डा. राय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में जो निर्देश दिए गये हैं, उसका फॉर्मूला इंदौर में तैयार किया गया था इसलिए इसे इंदौर फॉर्मूला भी कहते हैं। इंदौर फॉर्मूलें के अनुसार सरकार को हर जिले के लिए एक एप तैयार करना होगा। मरीज को इस ऐप को डाउनलोड करना होता है और इसमें रोज मरीज के स्वास्थ्य संबंधी हिस्ट्री लिखी जाती है। इसके साथ ही मरीज को एक छोटा पल्स ऑक्सीमीटर दिया जाता है।

जिससे पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन प्रतिशत हर चार घंटे में नापकर उस ऐप में लोड करना होता है। उपचार में लगे चिकित्सकों द्वारा इस एप की लगातार मानीटिरिंग की जाती है। मरीज द्वारा भेजे गए पल्स आक्सीमीटर के डाटा और स्वास्थ्य अपडेट का आकलन करके चिकित्सक यह तय करता है कि मरीज को भर्ती करने की जरूरत है या नहीं। अगर मरीज के स्वास्थ्य में कोई समस्या आती है तो उसे एल-2 या एल-3 सुविधा वाले अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया जाता है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में किया गया अनुरोध

मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र में अनुरोध किया गया है कि चिकित्सकों के लिए होम आइसोलेशन अन्य प्रदेशों में भी लागू है इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाए। इसके अनुसार निजी चिकित्सक या तो घर पर या अपने अस्पताल पर अपने को आइसोलेट कर सकते हैं।

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दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने राज्य में कोरोना जांच की संख्या बढ़ा दी है। ज्यादा जांच होने के कारण अब कोरोना संक्रिमतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पतालों में अब बेड़ों की संख्या भी कम होती जा रही है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि रोज बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड़ों की मारामारी शुरू हो सकती है।

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