×

सियासी चेहरे: जो कभी सदन की शोभा थे, अब जेल की

raghvendra
Published on: 3 Jan 2020 11:29 AM IST
सियासी चेहरे: जो कभी सदन की शोभा थे, अब जेल की
X

लखनऊ: राजनीति की रपटीली राहों में चाहे कितना भी संभल कर चलें लेकिन कोई न कोई व्यक्ति एक गलती से ‘माननीय’ से ‘मुजरिम’ बन जाता है। ऐसा सबसे अधिक यूपी की राजनीति में देखने में आया है। कई ऐसे विधायक हैं जो कभी सदन की शोभा बढ़ाते थे पर आज जेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं।

इस खबर को भी देखें: राम मंदिर पर बड़ी खबर: सालों बाद होगा ऐसा, बाहर आएंगी राम शिलाएं

हाल ही में उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म के मामलें में आजीवन कारावास की सजा हुई है। कुलदीप सेंगर मौजूदा विधानसभा के ऐसे दूसरे सदस्य हैं जिन्हे एक आपराधिक कृत्य में आजीवन कारावास की सजा हुई है। इससे पूर्व हमीरपुर के भाजपा के ही विधायक अशोक सिंह चंदेल को एक सामूहिक हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। चंदेल के सजायाफ्ता होने के बाद उनकी रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी हो चुका है। अशोक सिंह चंदेल ने 26 जनवरी 1997 को सामूहिक हत्याकांड में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी।

हाल ही में जवाहर पंडित हत्यकांड में इलाहाबाद के विधायक और सांसद रहे करवरिया बंधुओं को आजीवन कारवास की सजा हुई है। जिन तीन भाइयों को सजा हुई उनमें बसपा से सांसद रहे कपिलमुनि करवरिया, भाजपा से विधायक रहे उदयभान करवरिया और विधानपरिषद सदस्य रहे सूरजभान करवरिया शामिल हैं। जवाहर पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 में हत्या हुई थी।

इस खबर को भी देखें: शाह का बड़ा प्लान: दिल्ली-बंगाल और बिहार को लेकर कही ये बड़ी बात

चरखारी से सपा विधायक रहे कप्तान सिंह राजपूत भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इसी सजा के चलते उनकी विधानसभा की सदस्यता जा चुकी है। जेल जाने के बाद इसी सीट से उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी की विधायक चुनी गयी। निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी भी इस समय भी जेल में ही हैं। जेल में सजायाफ्ता होने के कारण उन्हें पिछले कई सत्रों से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिल रही है।

अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति अखिलेश सरकार जाने के बाद से ही दुष्कर्म के एक मामलें जेल में हैं। बीच में उन्हें इसी मामले में कुछ दिन के लिए जमानत भी मिली थी,लेकिन वह फिर जेल भेज दिए गए। वहीं भाजपा के सांसद और केन्द्र में गृहराज्यमंत्री रहे चिन्मयानन्द भी इस समय जेल में हैं।

यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि विधानसभा के सदस्यों को इस तरह की सजा हुई है। पूर्ववर्ती विधानसभाओं में सदस्य रहे कई लोगों को इसी तरह की सजाएं हो चुकी हैं। इनमें कुछ तो आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इनमें कुछ मंत्री और सांसद तक रहे हैं। मायावती समेत कई अन्य सरकारों में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उनके साथ पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को भी आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वे भी जेल में ही हैं। मधुमिता की 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपरमिल कालोनी में हत्या कर दी गयी थी।

वर्ष 2008 में 24 दिसंबर को औरेया के विधायक शेखर तिवारी ने मायावती के जन्मदिन पर चंदा न देने के कारण अपने गुर्गों के साथ मिल कर लोकनिर्माण विभाग के इंजीनियर मनोज गुप्ता को पीट पीट कर मार डाला था। शेखर तिवारी को उम्र कैद की सजा हुई और वो अब जेल में है। मायावती सरकार में ही बांदा के पुरुषोत्तम द्विवेदी बसपा के विधायक हुआ करते थे। इनका नाम भी एक दुष्कर्म मामले में सामने आया। मुख्यमंत्री मायावती ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी तो द्विवेदी ही दोषी पाए गए और उसे इस मामले में सजा हो गयी।

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story