TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

योगी सरकार ने बदला एक और नाम, अब इस नाम से जाना जाएगा मुगल म्यूजियम

योगी सरकार ने मंगलवार को एक इमारत का नामकरण किया गया है। ये इमारत आगरा में है। आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर अब छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया गया है।

Newstrack
Published on: 15 Sept 2020 6:15 PM IST
योगी सरकार ने बदला एक और नाम, अब इस नाम से जाना जाएगा मुगल म्यूजियम
X
यहां आपको ये भी  बता दें कि आगरा का इतिहास मुगलकाल से सम्बन्ध रखता है। ऐसे में इस म्यूजियम में ताज महल, लाल किला और उससे सम्बन्धित चीजें भी दिखाई देंगी।

लखनऊ: योगी सरकार ने मंगलवार को एक इमारत का नामकरण किया गया है। ये इमारत आगरा में है। आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर अब छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं है। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं।

उन्होंने बताया कि ये म्यूजियम ताज महल के पूर्वी गेट रोड पर तैयार हो रहा है। ये इमारत 5.9 एकड़ जमीन पर तैयार की जा रही है और इसका बजट 142 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसी साल कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

यहां ये भी बता दें कि 2017 से पहले अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार में इस म्यूजियम के निर्माण का काम शुरू हुआ था। यूपी के टूरिज्म विभाग को म्यूजियम की इमारत बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। म्यूजियम का 40 प्रतिशत कार्य हो चुका है।

Mugal Musium आगरा का मुगल म्यूजियम(फोटो-सोशल मीडिया)

यह भी पढ़ें: देखें वीडियो: जया के बयान पर भड़की कंगना, कहा- ‘सुशांत की जगह अभिषेक होता तो?’

म्यूजियम में क्या -क्या दिखेगा?

यहां आपको ये भी बता दें कि आगरा का इतिहास मुगलकाल से सम्बन्ध रखता है। ऐसे में इस म्यूजियम में ताज महल, लाल किला और उससे सम्बन्धित चीजें भी दिखाई देंगी।

मुगलकाल से जुड़ी वस्तुओं और दस्तावेजों को भी रखा जाएगा। सूरदास का संबंध भी आगरा से रहा है, इसलिए सूरदास से जुड़ी चीजें भी इस म्यूजियम में रखी जाएंगी, साथ ही पूरे ब्रज की विरासत का नजारा इस म्यूजियम में दिखाई देगा।

म्यूजियम में शिवाजी महाराज के दौर से जुड़ी वस्तुएं भी रखी जाएंगी। जैसा कि बताया गया है कि इस म्यूजियम का नाम शिवाजी के नाम पर होगा।

शिवाजी महाराज का आगरा से क्या है सम्बन्ध

ऐसा मान्यता कि शिवाजी वाटर गेट से होते हुए आगरा किले से गायब हो गए थे। आगरा किले के वरिष्ठ संरक्षण सहायक अमरनाथ गुप्ता कहते हैं कि अगर शिवाजी किले में कैद रहे हैं, तो वाटर गेट से ही पलायन का उचित मार्ग है। मुख्य द्वार से जाना संभव प्रतीत नहीं होता है।

आगरा किले के चारों ओर खाई है। सूखी खाई और पानी वाली खाई। मुगलकाल में यमुना आगरा किले से सटकर बहती थी। यमुना की ओर खुलने वाले आगरा किले के द्वार को वाटर गेट कहा जाता है। यहीं से शिवाजी की जेल की ओर जाने का रास्ता है।

यह भी पढ़ें: ताबड़तोड़ पत्थरबाजी: पुलिस की लापरवाही से बागपत में बवाल, जमकर पथराव

Musium मुगल म्यूजियम की फोटो(सोशल मीडिया)

पहली बार कब आगरा आए थे छत्रपति शिवाजी

इतिहासकार बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज 16 मार्च, 1666 को अपने बड़े पुत्र संभाजी के साथ आगरा आए थे। लेकिन मुगल बादशाह औरंगजेब ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया जिसके बाद शिवाजी ने मनसबदार का पद ठुकरा दिया। इसके बाद वे फिर वे राजा जय सिंह के पुत्र राम सिंह के घर पर ठहरे थे।

औरंगजेब ने राम सिंह से कहा कि वह अपने साथ शिवाजी को लेकर आगरा किले में आए। कहा जाता है कि शिवाजी नहीं आए। इस पर औरंगजेब ने शिवाजी को राम सिंह के महल में ही बंदी बना लिया था। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि शिवाजी आगरा किले में बंदी बनकर रहे थे ।

शिवाजी महाराज ऐसे हुए किले से फरार

इतिहासकारों के मुताबिक शिवाजी ने जेल में तबीयत खराब होने का स्वांग रचा। शिवाजी फलों की टोकरियां दान में भेजने लगे। 13 अगस्त, 1666 को वे फल की एक टोकरी में बैठकर जेल से भाग निकले। जबकि उनके स्थान पर कमरे में शिवाजी के चचेरे भाई हीरोजी चादर ओढ़कर सोने का नाटक करते रहे। जिससे इससे सुरक्षा प्रहरी कन्फ्यूज हो गये।

यह भी पढ़ें: Union Bank की तानाशाही: सुने ग्राहक-कस्टमर केयर की बात, सामने आई सच्चाई

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story