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जिला अस्पताल में कुत्ते की सुई नहीं, सीएमएस ने सरकार पर मढ़ा आरोप
जनपद मुख्यालय पर स्थित अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में विगत कुछ समय से कुत्ते की सूई न होने से मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
जौनपुर। जनपद मुख्यालय पर स्थित अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में विगत कुछ समय से कुत्ते की सूई न होने से मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सूई को लेकर प्रतिदिन अस्पताल के अन्दर मरीजों एवं कर्मचारियों के बीच चिक चिक होती है लेकिन अस्पताल के अधिकारी इसके प्रति गंभीर नहीं है।
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हाथ पर हाथ धरे केवल तमाशबीन नजर आते है। इस समस्या के लिए जिम्मेदार अधिकारी सरकार के उपर ठीकरा फोड़ रहे है। बतादें कि जिला अस्पताल में कुत्तों के काटने पर एनटी रैबिज इन्जेक्शन लगभग एक माह से सरकारी स्तर पर आपूर्ति नहीं किया जा रहा है।
कुत्तों के काटने से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीजों को वापस लौटना पड़ता है
जिसका परिणाम है कि कुत्तों के काटने से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। सूई को लेकर प्रतिदिन अस्पताल के अन्दर मरीजों एवं कर्मचारियों के बीच गाली गलौज की स्थिति बनी रहती है । प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज लाइन लगाते हैं लेकिन सुई किसी को नहीं लगयी जाती है।
सुई के लिए लगातार सीएमएस को पत्र दिया जा रहा है
इसके बाबत सम्बधित फर्मासिस्ट से बात करने पर उसने बताया कि सुई के लिए लगातार सीएमएस को पत्र दिया जा रहा है लेकिन उनके स्तर से कोई व्यवस्था नहीं किया जाता है। मरीज अधिकारी से बात करने के बजाय हम कर्मचारियों से विवाद करते है। सीएम एस अनिल शर्मा से बात करने पर उन्होंने सुई की अनुपलब्धता का ठीकरा सीधे तौर पर सरकार के उपर फोड़ दिया।
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कहा कि सरकार न तो अस्पताल में कुत्ते की सुई की आपूर्ति कर रही है न ही खरीदने के लिए बजट की व्यवस्था कर रही है। हलांकि अभी तक सरकार खुद खरीद कर अस्पताल में आपूर्ति करती रही है यही व्यवस्था काफी समय चल रही है। कुत्ते की सुई के साथ तमाम दवाओं के लिए उपर शासन में पत्राचार किया गया लेकिन वहां से बजट की समस्या बता कर चुप करा दिया गया है।
सीएम एस की मानें तो सरकार के पास इसके लिए धनाभाव है। जनता मरे या जीये सरकार की बला से अब कुत्तों के काटने से मरीजों को दो से तीन गुना अधिक पैसा खर्च कर अपनी जान बचाने के अलावां कोई रास्ता नहीं है। अस्पताल में सुई न होने के कारण मेडिकल स्टोर के लोग भी मनमाना वसूली मरीजों से कर रहे हैं। जिम्मेदार जो भी हो लेकिन इस समस्या का खामियाजा आम जनमानस भुगत रहा है।