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IAS अनुराग मौत मामला: CBI ने नहीं बदला जांच अधिकारी, पीड़ित ने किया एतराज

आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की राजधानी लखनऊ में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने वाले अदालत के आदेश को सीबीआई ने ठेंगा दिखा दिया है।

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Published on: 11 Sept 2020 1:44 PM IST
IAS अनुराग मौत मामला: CBI ने नहीं बदला जांच अधिकारी, पीड़ित ने किया एतराज
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IAS अनुराग मौत मामला: CBI ने नहीं बदला जांच अधिकारी, पीड़ित ने किया एतराज (file photo)

लखनऊ: आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की राजधानी लखनऊ में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने वाले अदालत के आदेश को सीबीआई ने ठेंगा दिखा दिया है। दोबारा जांच आदेश की खानापूरी के लिए सीबीआई ने उसी जांच अधिकारी को दोबारा जिम्मेदारी सौंपी है जिसकी जांच रिपोर्ट अदालत से खारिज हो चुकी है।

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लखनऊ में हुई थी संदिग्ध मौत

राजधानी लखनऊ के मीरा बाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत हुई थी। मामले में पीड़ित परिवार ने बड़े घोटाले से जुड़े लोगों पर शक जाहिर किया था। प्रदेश के एक आईएएस का नाम भी चर्चा में आया था। मीडिया में मामला उछलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई की टीम अपनी जांच में मौत के कारण नहीं तलाश पाई। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई लखनऊ ने सुनवाई के दौरान सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट ख़ारिज कर दी और दोबारा जांच के आदेश दिए ।

उनके भाई मयंक तिवारी की ओर से दायर मुकदमे की दोबारा विवेचना शुरू कर दी है

अदालत के आदेश पर सीबीआई कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के संबंध में उनके भाई मयंक तिवारी की ओर से दायर मुकदमे की दोबारा विवेचना शुरू कर दी है। लेकिन सीबीआई ने अदालत की मंशा पर पानी फेरते हुए जांच अधिकारी उसी इंस्पेक्टर को बनाया है जिसने पहले जांच की है। पीड़ित पक्ष ने इसका विरोध किया है।

CBI CBI (social media)

मयंक तिवारी के अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने

मयंक तिवारी के अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि पूरन कुमार, इंस्पेक्टर, सीबीआई-II, नयी दिल्ली ने मयंक तिवारी को धारा 160 सीआरपीसी में नोटिस देते हुए बताया कि अब केस की विवेचना उनके द्वारा की जा रही है । इस केस के संबंध में सवालों के जवाब देने के लिए 11 सितम्बर 2020 को उनके समक्ष उपस्थित होवें। उन्होंने बताया कि इस पर पीड़ित की ओर से सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को पत्र भेज कर पूरन कुमार को विवेचक बनाए जाने पर ऐतराज़ किया है। उन्होंने कहा कि पहले भी पूरन कुमार ही इस केस के विवेचक थे तथा उनके द्वारा गलत ढंग से निष्कर्ष निकाला गया था कि यह दुर्घटना से हुई मौत है जबकि यह वास्तव में हत्या है।

पूरन कुमार ने मामले में पहले ही विवेचक ने अपना मन बना लिया है

नूतन ने कहा कि पूरन कुमार ने मामले में पहले ही विवेचक ने अपना मन बना लिया है और वे निष्पक्ष ढंग से इसकी विवेचना नहीं कर पायेंगे। अतः उन्होंने सीबीआई निदेशक को इस मामले में नया विवेचक नियुक्त करने का अनुरोध किया है और कहा है कि नया विवेचक नियुक्त होने के बाद मयंक तथा उसके परिवार वाले विवेचना में पूरा सहयोग करेंगे।

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सीबीआई ने यह कहते हुए केस बंद कर दिया था कि मृतक द्वारा किसी बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने या उनके बड़े अफसरों द्वारा मृत्यु का भय होने के आरोपों की मौखिक, लिखित तथा तकनीकी साक्ष्यों से पुष्टि नहीं हो सकी।

अखिलेश तिवारी

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