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कभी विवादों में रहीं IAS दुर्गा नागपाल लौटीं यूपी, एनपी पांडेय हुए निलंबित
पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान चर्चा में आई आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के बाद आज वापस यूपी लौट आई।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान चर्चा में आई आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के बाद आज वापस यूपी लौट आई। वहीं यूपी काडर के एक आईएस अधिकारी एनपी पाण्डेय को आज निलम्बित कर दिया गया। दुर्गा शक्ति नागपाल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी है और अबतक केन्द्र में वह डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर वाणिज्य मंत्रालय में तैनात थी।
ईमानदार अधिकारी के तौर पर होती है पहचान
उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि समाप्त होने के बाद अब उन्हे वापस यूपी बुला लिया गया है। दुर्गा नागपाल की पहचान एक बेहद ईमानदार अधिकारी के तौर पर होती है। मूल रूप से पंजाब कैडर की भारतीय प्रशासनिक अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2011 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी अभिषेक सिंह से शादी करके अपना स्थानान्तरण उत्तर प्रदेश में करा लिया था।
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इसलिए हुई थीं निलम्बित
उनकी पहली तैनाती सितम्बर 2012 के दौरान गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हुई जहाँ उन्हें अखिलेश सरकार द्वारा सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात किया गया। तब प्रदेश में अखिलेशयादव की सरकार थी। इस दौरान दुर्गा ने अवैध खनन के कारण यमुना नदी के किनारे रेत से भरी 300 ट्रॉलियों को अपने कब्जे में ले लिया था। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यमुना और हिंडन नदियों में खनन माफियाओं पर नजर रखने के लिये विशेष उड़न दस्तों का गठन किया जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हे निलम्बित कर दिया था।
वहीं दूसरी तरफ आज आईएएस अधिकारी एनपी पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया। उन्हे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया क्षेत्र में पर्यवेक्षक के तौर पर तैनाती दी गयी थी पर चुनाव ड्यूटी के दौरान उन पर एक महिला से अभद्रता का आरोप लगाया। इसके बाद चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को उनके निलम्बित किए जाने की संस्तुति की जिसके बाद उन्हे निलम्बित कर दिया गया। वह अब तक कृषि उत्पादन शाखा में विशेष सचिव के पद पर तैनात थें।
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आईएएस एनपी पांडेय ने बताया कि निलम्बित होने से पहले पुरूलिया के प्रेक्षक के तौर उन्होंने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से आयोजित रैली के खिलाफ डीएम पुरूलिया को पत्र लिखा था। इसी से नाराज मौजूदा डीएम पुरूलिया, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं, उन्होंने उनके खिलाफ मामला बना कर चुनाव आयोग को भेजा था। इस पर चुनाव आयोग ने यूपी सरकार को उनके खिलाफ पत्र भेजा जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया गया।