IAS सौम्या पांडेय ने देश में पाया था चौथा स्थान, पहली बार में रचा इतिहास

कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात आईएएस टॉपर सौम्या पांडेय को 5 महीने की बेटी होने बावजूद वह अपने कर्तव्यों का निर्वाहन बखूबी कर रही है।

Shraddha Khare
Published on: 8 March 2021 1:01 PM GMT
IAS सौम्या पांडेय ने देश में पाया था चौथा स्थान, पहली बार में रचा इतिहास
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IAS सौम्या पांडेय ने देश में पाया था चौथा स्थान, पहली बार में रचा इतिहास

कानपुर देहात : अंतराष्ट्रीय महिला दिवस हर हर साल 8 मार्च को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन उन महिलाओं की प्रशंसा की जाती है जो व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रतिदिन कड़ी मेहनत करती हैं। इस बार भी विश्व महिला दिवस को मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। आपको ऐसी ही शख्सियत से रूबरू कराएगा, जिन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में देश में चौथा स्थान पाकर साबित कर दिया कि नामुमकिन कुछ भी नहीं बस कुछ बनने और पाने का जज्बा होना चाहिए।

आईएएस सौम्या पांडेय ने देश में पाया था चौथा स्थान

कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात आईएएस टॉपर सौम्या पांडेय को 5 महीने की बेटी होने बावजूद वह अपने कर्तव्यों का निर्वाहन बखूबी कर रही है। सौम्या पांडेय महज 23 साल में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में पूरे देश में चौथा स्थान प्राप्त किया था। आईएएस सौम्या पांडेय बताती हैं कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा प्रयागराज से हुई। प्रयागराज से उन्होंने बीटेक करने के बाद सिविल सेवा की परीक्षा पहले ही प्रयास में सफल होने के साथ देश में चौथा स्थान पाया।

कानपुर देहात को प्रेरणा जनपद बनाने की कोशिश

आईएएस सौम्या पांडेय ने बताया कि वह लगातार महिला सशक्तिकरण को लेकर काम कर रही है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण परिवेश की कम आय वाली महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में हमने विकास भवन में पहली प्रेरणा कैंटीन खोली ली है। साथ ही विभिन्न विकास खंडों में चार और प्रेरणा कैंटीन खुल चुकी है। सौम्या पांडेय का कहना है कि उनकी कोशिश है कि कानपुर देहात प्रेरणा जनपद हो। सौम्या पांडेय ने बताया कि प्रेरणा जनपद से आशय ये है कि रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली हर चीज चाहे वह कफ हो या बैग सब महिलाओं के हाथ का बना हो और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से लिया जाए।

kanpur dehat

महिलाओं को सोलर लाइट बनाने के लिए किया प्रेरित

सौम्या बताती हैं कि कानपुर देहात का टोडरपुर गांव देश का पहला ऐसा गांव हैं, जहां सामुदायिक शौचालय में लगने वाली सोलर लाइट महिलाओं द्वारा बनाई गई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनका आत्मविश्वास डगमगाया कि वह बीटेक करके सोलर लैंप नहीं बना सकती। फिर यह गांव की महिलाएं जो अधिकांश अनपढ़ है वह कैसे सोलर लैंप बनाएंगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उन महिलाओं का आत्मविश्वास जगाया। लिहाजा एक अब खुद को कमजोर समझने वाली महिलाएं सोलर लाइट बना रही हैं। इस तरह यहां मुख्यमंत्री के मिशन नारी शक्ति के तहत नारी सम्मान नारी सुरक्षा और नारी स्वाबलंबन यहां चरितार्थ होते नजर आ रहा है।

ias saumya panday

अपराध रोकने के लिए अपने घर से करनी होगी शुरुआत

महिला संबंधी अपराध को लेकर सौम्या पांडे ने कहा कि दहेज हत्या, घरेलू हिंसा, सेक्सुअल हरासमेंट और भ्रूण हत्या जैसे अपराध से निजात पाने के लिए हम सबको अपने घर से शुरुआत करनी होगी। यह हमारा दायित्व है कि बेटियों का सम्मान करना होगा। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ नारे को अमलीजामा पहनाना होगा, जिससे बेटियों को सशक्त बने। सौम्या का कहना है कि व वर्तमान में देश की बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं। चाहे स्पोर्ट्स साइंस हो या एयरपोर्ट फोर्स हो या नेवी हो या फिर डिफेंस वो हर क्षेत्र में महिलाएं परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला संबंधी अपराध तभी कम होगा, जब हमारी सोसाइटी महिलाओं को बोझ समझना बंद कर देगी। यह सब जब कम होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगी। इसी वजह से हमने हर थाने और हर तहसील में महिला हेल्प डेस्क बनाई है, जिससे महिलाओं को सहायता मिल सके।

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आत्मनिर्भर बनें महिलाएं

सौम्या पांडेय का कहना है कि आज भी लड़का और लड़की में भेदभाव की भावना लोगों के दिल में है। लड़का है तो उसे आगे तक पढ़ाने की सोच लोग रखते हैं जबकि लड़की को महज कक्षा 5 के बाद पढ़ाई बंद करा दी जाती है। लड़की को बोझ समझा जाता है कि बड़ी होगी तो शादी में दहेज देना होगा। सौम्या का कहना है कि इस भावना को दिल से निकाला होगा. सौम्या का कहना था कि जहां नारी का सम्मान होता है, वही देवता वास करते हैं। इस लिए नारी का सभी सम्मान करें और नारी को भी चाहिए कि वह आप निर्भर बनें।

रिपोर्ट : मनोज सिंह

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