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इन दिग्गज महिला नेत्रियों से मिलती है आगे बढ़ने की प्रेरणा, ऐसे बनाया अपना मुकाम

भारत में ऐसी बहुत सारी महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और प्रतिभा का डंका पूरे विश्व में बजवाया है | विश्व की ताकतवर महिलाओं की सूची में भारत की प्रतिभावान महिलाएं भी शामिल हैं| राजनीतिक क्षेत्र में इन ने महिलाएं को पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया| जिन महिलाओं की हम बात कर रहें हैं  ये महिलाएं मध्यवर्गी परिवार से ताल्लुक रखती हैं |जिनकी ज़िन्दगी में बहुत से मुश्किलें आई लेकिन इन महिलाएं ने मुश्किलों से हार नहीं मानी बल्कि एक नया मुकाम हासिल किया| जिसकी वजह से आज  पूरा विश्व इन्हें सलाम करता है

Shweta Pandey
Published on: 8 March 2021 1:48 PM IST
इन दिग्गज महिला नेत्रियों से मिलती है आगे बढ़ने की प्रेरणा, ऐसे बनाया अपना मुकाम
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भारत की महिलाएं जिन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल

नई दिल्लीः भारत में ऐसी बहुत सारी महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और प्रतिभा का डंका पूरे विश्व में बजवाया है | विश्व की ताकतवर महिलाओं की सूची में भारत की प्रतिभावान महिलाएं भी शामिल हैं| राजनीतिक क्षेत्र में इन ने महिलाएं को पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया| जिन महिलाओं की हम बात कर रहें हैं। ये महिलाएं मध्यवर्गी परिवार से ताल्लुक रखती हैं |जिनकी ज़िन्दगी में बहुत से मुश्किलें आई लेकिन इन महिलाएं ने मुश्किलों से हार नहीं मानी बल्कि एक नया मुकाम हासिल किया| जिसकी वजह से आज पूरा विश्व इन्हें सलाम करता है | चलिए हम बताते हैं कि कौन है ये भारत की महिलाएं जिन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है |

सोनिया गाँधी :

एक विदेश से आयी हुई लड़की जब भारत की बहू बनती है तो वह भारत को सम्पूर्ण रूप से स्वीकार कर अपनी विदेशी परिधानों को त्याग कर। भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं और परिधानों को पूर्ण रूप से स्वीकार करती है और भारतीय संस्कारों और परिधानों में ढल जाती है| एक तरफ जहां भारत के लोग पाश्चात्य वेशभूषा को अपना रहे हैं।

वहीं विदेश की रहने वाली सोनिया ने भारतीय वेशभूषा को स्वीकार किया| भारत में आने के बाद सोनिया ने अपने पति राजीव गांधी के साथ अपने पति के देश को भी अपनाया।

सोनिया गांधी

सोनिया और इंदिरा की पहली मुलाकातःजब सोनिया पहली बार इंदिरा गांधी से मिली तो वह बहुत ज्यादा घबराई हुई थीं। और सोनिया को इंग्लिश भी नहीं आती थी| उस दरमियान सोनिया प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से फ्रेंच में बात कर रहीं थी तब इंदिरा गांधी सोनिया से बोली की मैं प्रधानमंत्री नहीं हूं | घबराओ मत मैं भी जवान थी और मुझे भी प्यार हुआ था, मैं समझ सकती हूं |

स्मृति ईरानीः

सीरियल की तुलसी कैसे पूरे विश्व में छा गई। एक महिला होकर भी बड़े-बड़े राजनेताओं के छक्के छुड़ाने वाली स्मृति ईरानी को भले ही राहुल गांधी से 2014 में अमेठी में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस महिला ने हार नहीं मानी और राहुल गांधी को 2019 में उन्हीं के गढ़ अमेठी में हरा दिया| अमेठी में भारी मतों से स्मृति ईरानी विजयी हुई |

स्मृति ईरानी

स्मृति पर कम पढ़े लिखे होने का आरोप भी लगा लेकिन स्मृति ने लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया और मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर कार्यरत रहीं| इसके बाद यह कपड़ा मंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद भी संभाल रही हैं |

आपको बता दें कि स्मृति कम पढ़ें लिखे होने के बाद भी एक वक्ता के तौर पर जानी जाती हैं | बीजेपी अपने चुनाव प्रचार के लिए स्मृति को इस्तेमाल करती है | जब भी भाजपा संसद में मुश्किलों में पड़ी, स्मृति ने हमेशा आगे रहकर बीजेपी का मोर्चा संभाला |

ममता बनर्जी:

मुख्यमंत्री होने के बावजूद हमेशा सादा जीवन जीने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने सूती धोती और हवाई चप्पल से पूरे विश्व में पहचानी जाती हैं | ममता बनर्जी पेंटिंग की बहुत शौकीन हैं | ममता को पेंटिंग करना और कविताएं लिखना बहुत पसंद है |

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अपने पेंटिंग और कविताओं को बेचकर यह अपना खर्चा चलाती हैं | यह एक ऐसी मुख्यमंत्री हैं जिनके पास ना कोई बैंक बैलेंस और ना ही कोई प्रॉपर्टी है | ऐसी सादगी की प्रतिमूर्ति राजनीति में एक मिसाल है | इतनी उम्र होने के बाद भी यह एक्टिव रहती हैं | और सड़क पर स्कूटी लेकर उतर जाती हैं|

ममता बनर्जी

ममता को जनता के मसीहा के तौर पर जाना जाता है और यह गरीबों की आवाज हैं | आपको बता दें नंदी ग्राम में ममता किसानों के साथ खड़ी रहीं और टाटा के सिंगूर फैक्ट्री का विरोध किया | आखिर में टाटा को अपना यह प्लांट हटाना पड़ा क्योंकि टाटा ने जो जमीन किसानों से फैक्ट्री खोलने के लिए ली थी। उसका मुआवजा नहीं दे रहे थे|

जहां किसानों का भूमि अधिग्रहण हो रहा था उस समय अधिग्रहण का कोई कानून नहीं बना था | जिसके बाद से ममता के इस आंदोलन का असर कांग्रेस पर हुआ। और कांग्रेस द्वारा किसानों के लिए अधिग्रहण कानून बनाया गया | जिसमें लिखा गया कि अगर किसानों की जमीन ली जाएगी तो उसे बाजार के 4 गुने मूल्य पर उनको दिया जाएगा और बिना किसान की सहमति से उसका भूमि अधिग्रहण नहीं होगा।

मायावती:

आपको बता दें कि मायावती का जीवन बहुत ही संघर्ष में रहा । दलित परिवार में जन्मी मायावती में बचपन से ही कुछ अलग करने की ललक थी।6 भाइयों और 2 बहनों के बीच में मायावती सबसे ज्यादा होनहार थीं । मायावती का मानना था कि सत्ता से ही सब कुछ होता है और सत्ता ही बदलाव का कारण बनता है।

मायावती

सत्ता में बैठा हुआ अधिकारी ही बदलाव करता है यही कारण रहा कि मायावती आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहती थी। लेकिन जब इनकी मुलाकात काशीराम से हुई तो काशीराम ने इन्हें बताया कि तुम्हें आईएएस अधिकारी नहीं बनना है

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तुम्हें सत्ता संभालना है और अपने आईएएस के सपने को पीछे छोड़ समाज के लिए सत्ता में उतर गयीं। यह उत्तर प्रदेश की तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। इनके समय में अपराध पर अंकुश लगा रहा।यही कारण है कि आज भी लोग मायावती की सरकार को अपराध मुक्त सरकार मानते हैं।

वसुंधरा:

ग्वालियर राजघराने से ताल्लुकात रखने वाली वसुंधरा का राजनीतिक जीवन बहुत ही सुलझा रहा। बचपन से ही वसुंधरा को राजनीतिक माहौल मिला और इनकी मां राजनीति में सक्रिय थीं।

वसुंधरा

अपने मां से ही वसुंधरा ने राजनीति सीखी और राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री बनीं।

सुप्रिया सुलः

यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की इकलौती बेटी है इन्होंने अपने पापा से राजनीति सीखी है यही कारण है कि महाराष्ट्र के यह सांसद भी है सुप्रिया सुले राजनीति के साथ-साथ घर को भी बहुत ही समझदारी से चलाती हैं

सुप्रिया सुले

बीते दिनों उनके परिवार में राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी तो सुप्रिया ने अपने पापा और अपने भतीजे के बीच जो भी तनाव था उसे बहुत ही समझदारी से सुलझाया। सुप्रिया ने अपने परिवार की एकता को सबसे पहले महत्व दिया और उन्होंने कहा कि परिवार का रहना जरूरी है बाकी तो हमारे राजनीतिक आते-जाते रहेंगे।

कनिमोझीः

आपको बता दें कि कनिमोझी करुणानिधि की बेटी है सांसद भी रह चुकी है यह तब सुर्खियों में आई जब इनके ऊपर घोटाले का आरोप लगा।

कनिमोझी

आपको बता दें कनिमोझी के ऊपर 2जी घोटाले का आरोपी लगा जिसके कारण इन्हें जेल भी जाना पड़ा, बाद में इनके इनके खिलाफ को सबुत नहीं मिला जिसके कारण यह निर्दोष घोषित हुई। जिसके बाद से इनको छोड़ दिया गया।

शशिकलाः

जयललिता की परछाई कहीं जाती हैं शशिकला। वहीं जयललिता जब भी कोई काम करती थी तो सबसे पहले शशिकला से सलाह लेती थी यही कारण है कि जयललिता के इंतकाल के बाद शशिकला ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम का महासचिव बनी और एक महिला होकर भी इन्होंने राजनीति में अपना अलग छवि बनाई।

शशिकला

शशिकला तब सुर्खियों में आयी जब इन पर चुनाव आयोग के अफसरों को 50 करोड़ की घूस देने का आरोप लगा। जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर जांच बैठाई गई और एक बार फिर शशिकला पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में उन्हें 4 साल की सजा हुई और कुछ साल पहले ही वे जेल से जमानत पर रिहा हुई हैं और इन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया।

निर्मला सीतारमण :

यह भारत की दूसरी महिला वित्ता और सुरक्षा मंत्री हैं। वर्तमान समय में वित्त मंत्री के पद पर कार्यरत हैं | इंदिरा गाँधी के बाद यह दूसरी वित्त मंत्री है। उसके बाद निर्मला सीतारमन ने बतौर महिला इस पद को संभाला।

निर्मला सीतारमण

आप को बता दें कि निर्मला सीतारमण भाजपा की सदस्य हैं, लेकिन उनके पति कांग्रेस समर्थक हैं।

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प्रियंका गांधीः

आपको बता दें कि प्रियंका गांधी बचपन से ही राजनीतिक माहौल में पली बढ़ी है वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव है। प्रियंका गांधी वाड्रा एक भारतीय राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की पोती हैं। उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी और माता सोनिया गांधी हैं।

प्रियंका गांधी

प्रियंका का जन्म 12 जनवरी, 1972 को नेहरू-गांधी परिवार में हुआ। अक्सर प्रियंका गाँधी की तुलना दादी इंदिरा गांधी के साथ की जाती है। उन्होंने अपना पहला भाषण 16 साल की उम्र में ही दे दिया था, जिससे यह पता चलता है कि उनके अंदर नेता की गुणवत्ता अंतर्निर्मित है।

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