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महिला दिवस: ये महिला नेत्रियां हैं मिसाल, राजनीति में छोड़ी छाप, जानें इनके बारे में

भारतीय जनता पार्टी की सबसे प्रखर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राजनीति में अच्छी पकड़ रखती थी। सुषमा स्वराज जब संसद में खड़े होकर बोलती थीं तो बड़े से बड़े नेता को चुप करा देती थीं।

Shreya
Published on: 8 March 2021 7:59 AM GMT
महिला दिवस: ये महिला नेत्रियां हैं मिसाल, राजनीति में छोड़ी छाप, जानें इनके बारे में
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महिला दिवस: ये महिला नेत्रियां हैं मिसाल, राजनीति में छोड़ी छाप, जानें इनके बारे में

नई दिल्ली: हर साल आठ मार्च को महिलाओं के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है। जब महिला दिवस की बात हो तो राजनीति में अपना विशेष योगदान देने वाली नेत्रियों को नहीं भूलना चाहिए। ऐसे में हम आपको 4 ऐसी दिवंगत महिला नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने बोली से अच्छे अच्चे दिग्गजों का मुंह बंद करा देती थीं। इन्होंने देश से लेकर विदेशों तक अपनी छाप छोड़ी है।

सुषमा स्वराज

भारतीय जनता पार्टी की सबसे प्रखर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राजनीति में अच्छी पकड़ रखती थी। सुषमा स्वराज जब संसद में खड़े होकर बोलती थीं तो बड़े से बड़े नेता को चुप करा देती थीं। सुषमा शब्दों की धनी नेता थी। जब वह संसद में किसी भी विषय में बोलतीं थीं तो विपक्ष भी ध्यान लगागर सुनता था। जितनी स्पष्टता उनके शब्दों में होती थी उनका चेहरा भी उतना ही उदीयमान होता था।

Sushma Swaraj (फोटो- सोशल मीडिया)

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सुषमा पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही थीं। सुषमा के विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान उनकी सक्रियता की काफी तारीफ होती थी। बतौर विदेश मंत्री उन्होंने लोगों की मदद के लिए तुरंत अपना हाथ बढ़ाया, जिसके लिए उनको आज भी याद किया जाता है। बता दें कि सुषमा दिल्ली की सीएम भी रह चुकी थीं।

sheela dixit (फोटो- सोशल मीडिया)

शीला दीक्षित

बात करें शीला दीक्षित की तो ये दिल्ली की लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहीं और राष्ट्रीय राजधानी को आधुनिक शहर का स्वरूप देने का काम किया। अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली को कई सौगातें भेंट की। पंजाब के कपूरथला में जन्मीं दीक्षित पहली बार साल 1984 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद चुनी गईं। बाद में वह दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हुईं। आज भी शीला दीक्षित को उनके नेक कामों के लिए याद किया जाता है।

indira gandhi (फोटो- सोशल मीडिया)

इंदिरा गांधी

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी एक कुशल महिला नेत्री की सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। इनके बुंलद हौसले के आगे सारी दुनिया घुटने टेक देती थी और इसी वजह से उन्हें 'आयरन लेडी' के नाम से भी पुकारा जाता था। उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने पहली बार अंतरिक्ष में अपना झंडा स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के तौर पर फहराया था।

इंदिरा गांधी ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद ही राजनीति में आने का फैसला किया। उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था। फिर लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद उन्हें देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। वो प्रधानमंत्री के रूप में राजनीतिक हठ और सत्ता के अभूतपूर्व केंद्रीकरण के लिए जानी जाती थीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आपातकाल के साथ कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिए।

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jayalalitha (फोटो- सोशल मीडिया)

जयललिता

शायद ही कोई ऐसा होगी, जिसने जयललिता का नाम नहीं सुना होगा। कन्नड़ फिल्मों में मशहूर अभिनेत्री बनने के बाद कद्दावर नेता बनने तक का सफर जयललिता ने किया। जयललिता तमिलनाडु की राजनीति में सबसे लोकप्रिय नेता बनकर उभरी थीं। इसलिए उन्हें अम्मा का दर्जा दिया गया। इन्होंने 1982 में एआईएडीएमके की सदस्यता लेकर राजनीति में कदम रखा।

उसके बाद एमजी रामचंद्रन के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। जयललिता 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। भले ही आज वो दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा गूंजती रहीं।

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