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'योगी तानाशाह'- वायरल वीडियो पर टीचर की ऐसी प्रतिक्रिया, बोले-जवाब देने को तैयार
गोरखपुर में बना 6.54 मिनट का वीडियो पूरे प्रदेश में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तानाशाह बताते हुए स्कूलों की बंदी पर सवाल खड़े किये गए हैं।
गोरखपुर: प्रदेश सरकार द्वारा 1 से 8 तक के स्कूलों को 31 मार्च तक बंद करने के बाद योगी सरकार पर सवाल उठाने वाला वायरल वीडियो गोरखपुर का निकला है। गोरखपुर के बांसगांव क्षेत्र के डॉक्टर भीमराव आंबेडर विद्यालय के प्रबंधक दीपक कन्नौजिया ने वायरल वीडियो में खुद के होने की बात को स्वीकारते हुए दो टूक कहा है कि ‘वीडियो मेरा है, जहां जरूरत पड़ेगी, जवाब देंगे।’
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गोरखपुर में बना 6.54 मिनट का वीडियो पूरे प्रदेश में तेजी से वायरल हो रहा है
गोरखपुर में बना 6.54 मिनट का वीडियो पूरे प्रदेश में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तानाशाह बताते हुए स्कूलों की बंदी पर सवाल खड़े किये गए हैं। प्रबंधक की तरफ से यह भी कहा गया है कि पहली अप्रैल से स्कूल बंदी लागू रही तो असंवैधानिक कदम उठाने को भी विवश होंगे। खैर, वीडियो की सच्चाई उजागर होने के बाद प्रशासनिक अफसरों के होश उड़ गए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रबंधक के दलीलों को दरकिनार कर कैसे कार्रवाई करें? दरअसल, वायरल वीडियो बुधवार की सुबह बीएसए वीएन सिंह और जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह के पास पहुंच गया था।
वीडियो कहां का है ये पता नहीं है
लेकिन यह साफ नहीं हो रहा था कि वीडियो कहां का है। देर रात जब वीडियो की हकीकत पता चली तो उनके होश उड़ गए। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रबंधक के खिलाफ कौन सी कार्रवाई करें। आठवीं तक का स्कूल मान्यता प्राप्त है। गोरखपुर के बीएसए वीएन सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच कराई जा रही है। प्रबंधतंत्र का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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जहां जरूरत पड़ेगी, वहां जवाब देंगे
बांसगांव क्षेत्र के डॉक्टर भीम राव आंबेडकर विद्यालय के प्रबंधक दीपक कन्नौजिया स्वीकारते हैं कि वीडियो वायरल उन्हीं का है। उनका कहना है कि वीडियो में कुछ भी गलत नहीं है। इसे लेकर जहां जवाब देना होगा, देंगे। निजी विद्यालयों के शिक्षकों और बच्चों की चिंता किसी को नहीं है। कोरोना के चलते स्कूलों को बंद किया गया लेकिन खिचड़ी मेला, कुंभ आदि जैसे आयोजन होते रहे। यह स्थितियां अभिभावक, बच्चों, शिक्षक किसी के लिए भी ठीक नहीं है।
रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव
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