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मुनव्वर राना की बेटियां कैद: पुलिस ने घर में ही कर दिया नजरबंद, रुक गया धरना
सीएए और एनआरसी के खिलाफ फरवरी में हुए आंदोलन में उतरी प्रसिद्ध साहित्यकार एवं शायर मुनव्वर राणा की बेटियों को आज पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया।
लखनऊ: सीएए और एनआरसी के खिलाफ फरवरी में हुए आंदोलन में उतरी प्रसिद्ध साहित्यकार एवं शायर मुनव्वर राणा की बेटियों को आज पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। मुनव्वर राना की बेटियां उजमा और सुमैया आज सुबह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकलने वाली थी उसके पहले ही पुलिस ने उनको नजरबंद कर दिया।
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सुमैया राना अपनी बहन के साथ थाली और ताली बजाते हुए सीएम आवास की तरफ मार्च निकालेंगी
दरअसल पुलिस को पता चला कि सुमैया राना अपनी बहन के साथ महिलाओं को एकत्र कर थाली और ताली बजाते हुए मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की तरफ मार्च करने वाली है। इस पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उनको हाउस अरेस्ट कर दिया। इसके पहले भी दोनो बहनों पर मुकदमे रास्ता जाम कर प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी वायरल करने, धारा 144 का उल्लंघन और बलवा करने के आरोप में दर्ज किए गए थे।
बताते चलें कि राजधानी में धारा 144 लगी हुई है, ऐसे में कोविड संक्रमण बढ़ने के खिलाफ सामूहिक प्रदर्शन का प्लान कर चुकीं उजमा परवीन और सुमैया राणा को धारा 144 के उल्लंघन का नोटिस दिया गया है। इन दोनों को फिलहाल इनके घरों में ही नजरबंद किया गया है।
कोरोना से पहले भी लखनऊ के घण्टाघर पर हुए प्रदर्शनों में नेतृत्व किया था
इसके पहले जब कोरोना का संकट शुरू नहीं हुआ था तब भी लखनऊ के घण्टाघर पर हुए प्रदर्शनों में सैयद उजमा परवीन और सुमैया राना ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। राजधानी के ठाकुरगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए शायर मुनव्वर राना की बेटी समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है।
इसके पहले मुनव्वर राना भी अपने विवादित बयानों से चर्चा में आ चुके हैं। शायर मुनव्वर राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई जमीन पर राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल बनाया जाए। मस्जिद का निर्माण जबरदस्ती हासिल की गई या ली गई जमीन पर नहीं होता। राना ने रायबरेली में अपनी जमीन पर बाबरी मस्जिद बनाए जाने का प्रस्ताव भी दिया था।
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सुमैया राना अक्सर टीवी डिबेट के दौरान अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती है। उजमा परवीन को अगस्त में भी नजरबंद किया जा चुका है। तब भी उन्होंने धारा-144 का उल्लघन कर घंटाघर पर झंडा फहराने जाना चाहती थीं। जब पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी तो उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन करार दे दिया था। यही नही तब उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ कई विवादित बातें भी कही थी। सुमैया राना ने एएमयू में उत्तर प्रदेश की पुलिस को तानाशाह बताती है। उनका कहना है कि पुलिस हमारे पीछे ऐसे भागती है, जैसे चोर सामान छीनकर भाग रहा हो। यह लोकतान्त्रिक व्यवस्था के खिलाफ न होकर एक तानाशाही रवैया है।
श्रीधर अग्निहोत्री
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