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यूपी में आईएएस अधिकारियों का बढ़ता गुस्सा
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमेठी के डीएम प्रशांत शर्मा के सार्वजनिक गुस्से के बाद उनपर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि वह जनता के सेवक हैं, बावजूद इसके अधिकारियों के रवैये में बदलाव नहीं आ रहा है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में इन दिनों आईएएस अधिकारियों का बढता गुस्सा राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। कुछ महीनो में प्रशासनिक अधिकारियों की नाराजगी की ऐसी कई घटनाए प्रकाश में आई है जिसके कारण जनता में डर का भाव पैदा हो रहा है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमेठी के डीएम प्रशांत शर्मा के सार्वजनिक गुस्से के बाद उनपर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि वह जनता के सेवक हैं, बावजूद इसके अधिकारियों के रवैये में बदलाव नहीं आ रहा है।
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डीएम सेल्वा कुमारी जे ने एसडीएम दीपक कुमार को हड़काया ही नहीं पैदल भी कर दिया
हाल ही मुजफ्फरनगर के सौरम गांव में जनचौपाल में किसान सम्मान निधि के किसानों की सूची उपलब्ध नहीं होने से गुस्साई डीएम सेल्वा कुमारी जे ने एसडीएम दीपक कुमार को हड़काया ही नहीं पैदल भी कर दिया। एसडीएम से सरकारी गाड़ी और फाइलें वहीं छोड़कर बस से जिला मुख्यालय जाकर आमद करने के लिए कहा।
डीएम ने एसडीएम, लेखपाल और सप्लाई इंस्पेक्टर को प्रतिकूल प्रविष्टि भी जारी कर दी। जिसके बाद उपस्थिति जनता में सन्नाटा छा गया। आधे से अधिक लोग बिना काम कराए ही वहां से निकल गए।
हुआ यूं कि डीएम ने जन समस्याएं सुनने के लिए चौपाल लगाई थी। जनसमस्याएं सुनते हुए जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में चयनित किसानों की सूची लेखपाल से मांगी। लेखपाल ने बताया कि जो किसान गांव में नहीं रहते, ऐसे 175 किसानों को सम्मान निधि का पैसा नहीं दिया जा सका।
डीएम ने एसडीएम दीपक कुमार से कहा कि जिन किसानों को पैसा नहीं दिया गया, उनकी सूची दें। एसडीएम ये सूची भी उपलब्ध नहीं करा पाए। इस पर डीएम नाराज हुईं और उन्होंने एसडीएम को जमकर हड़काया। जन चौपाल में इस वक्त सन्नाटा छा गया।
नाराज डीएम ने एसडीएम से कहा कि वह इस पद के लायक नहीं है, गाड़ी को यहीं छोड़ दें। सरकारी फाइल भी यहीं रख दें और बस से मुख्यालय पर अपनी आमद कराएं। इसके बाद एसडीएम दीपक कुमार बस से मुख्यालय पहुंचे। डीएम ने शाम के समय ही एसडीएम दीपक कुमार, के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी करवा दिया।
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आम तौर पर शांत व सौम्य अधिकारी की छवि वाले बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह अभी कुछ दिनों पहले ही भरी मीटिंग में अधिकारियों की जमकर लताड़ लगाई और कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है जिसकी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति है।
जिन अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने में रूचि नहीं है वो रिटायरमेंट ले लें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि आजकल जिले में इस तरह की बातें हो रही हैं कि डीएम को चढ़ावा चढ़ाने के लिए चंदा इकट्ठा किया जाएगा।
विशेष सचिव आंद्रा वामसी की फटकार से विमल चंद्र को दिल का दौरा पड़ा था
यूपी की ब्यूरोक्रेसी का एक और मामला पिछले साल का ही है । जब मुख्यमंत्री कार्यालय (एनेक्सी) स्थित आईटी इलेक्ट्रानिक विभाग के अनुभाग अधिकारी विमल चंद्र को दिल का दौरा पड़ा था। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि कि आईटी विभाग के विशेष सचिव आंद्रा वामसी की फटकार से विमल चंद्र को दिल का दौरा पड़ा था।
वामसी ने फटकारने के दौरान विमल चंद्र से इस्तीफा लिखकर लाने के साथ ही यहां तक कहा था कि देखते हैं कि कैसे तुम सकुशल सेवानिवृत्ति पाते हो। फटकार खाने के बाद विमल चंद्र हांफते हुए अपने अनुभाग पहुंचे थे और चक्कर खाकर अनुभाग में ही गिर गए थे। इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।
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पिछले महीने ही जनता के बीच अमेठी के जिलाधिकारी रहे प्रशांत शर्मा की नाराजगी भरे व्यवहार के कारण सरकार की काफी किरकिरी हुई। जिले ही के एक ईंट व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर ही मृतक के परिजन एकत्र थें तभी बातचीत के दौरान जिले के डीएम प्रशांत शर्मा अपना आपा खो बैठे और परिजनों से अभद्रता कर बैठे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
हालांकि, डीएम ने खुद ऐसे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से पूरा परिवार संतुष्ट है। जो वीडियो चल रहा है वह एडिट किया हुआ है। डीएम प्रशांत शर्मा के इस व्यवहार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर करते हुए उनको हटाकर अरुण कुमार को जिले का नया जिलाधिकारी नियुक्त कर दिया। प्रशांत शर्मा को फिलहाल वेटिंग में डाल दिया गया है।
हालांकि, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के रिश्तेदार होने के नाते प्रशांत शर्मा को बचाने का प्रयास भी किया गया लेकिन कोई तरकीब काम नहीं आई।
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आईएएस अधिकारी प्रशांत शर्मा इसके पहले भी अपने व्यवहार के कारण कोर्ट की अवमानना के चलते चर्चा में आ चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अमेठी के जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा को एक अवमानना मामले में कड़ी फटकार लगायी।
दरअसल कोर्ट ने जिलाधिकारी को अवमानना में तलब किया था लेकिन वह समय पर अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे। अदालत में उपस्थित रहने के आदेश के बावजूद जब दोपहर साढ़े बारह बजे कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जिलाधिकारी हाजिर नहीं थे और न ही उनकी ओर से कोई स्पष्टीकरण ही आया। इस पर कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए जिलाधिकारी को पूरे दिन कोर्ट में बैठाए रखा।
बी. चंद्रकला ने सेल्फी खिंचवाने की कोशिश करते एक युवक को जेल भिजवा दिया
इसी तरह इस समय खनन मामले में विवादों में फंसी आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला जब कुछ साल पहले जब बुलन्दशहर की डीएम थी तो उन्होंने एक पत्रकार पर अपना गुस्सा निकालते हुए उसे जमकर खरी खोटी सुनाई। मामला ये था कि बी. चंद्रकला ने अपने साथ सेल्फी खिंचवाने की कोशिश करते एक युवक के खिलाफ केस कर उसे जेल भिजवा दिया था। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो उसे माफ करके रिहा कर दिया गया।
वह युवक किसी काम से बुलंदशहर कलक्ट्रेट गया था। आरोप लगा कि इसी बीच वह डीएम चंद्रकला के दफ्तर में पहुंच गया और उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश करने लगा था।
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इसके बाद जब एक स्थानीय पत्रकार ने इस घटना पर डीएम का पक्ष जानना चाहा तो तत्कालीन डीएम बी चन्द्रकला उस पत्रकार पर जमकर नाराज हुई और उस पत्रकार को खूब खरी खोटी सुनाई। इस बातचीत का आडियो भी खूब वायरल हुआ। डीएम की बातें सुन सकपकाया पत्रकार मैडम-मैडम करता रहा लेकिन नाराज चंद्रकला अपनी बात कहती रहीं।
इस आडियो में कथित तौर बी चन्द्रकला कहती है ’आप एक मां से ही तो पैदा हुए होंगे। आप कहां रहते हो पता बताओ ? शर्म करो तुम व्यक्ति हो या क्या हो यार शर्म करो तुम जेंट्स हो कल तुम्हारी पत्नी के साथ किसी का फोटो खिंचवा दूं? लिखो ये बात मैं पढ़ूंगी तुम्हारी रिपोर्ट’।
इलाहाबाद में कुछ साल पहले एक महिला आईएएस और एसडीएम सदर हर्षिता माथुर को इस कदर गुस्सा आया कि उन्होंने ज्ञापन देने आए एक आप नेता सुनील चौधरी को पुलिस को सौंप दिया। जेल भेजने से पहले पुलिस ने थाने पर आप नेता की जमकर पिटाई भी की और उनके समर्थन में आए आप के दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें वहां से जबरन भगा दिया। इस नेता का बस इतना कुसूर था कि वह नेता ज्ञापन देते समय एसडीएम के साथ अपनी फोटों खिचवाने लगा था।