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सौर विद्युत स्थापना में विश्व का तीसरा सबसे तेज देश है भारत

एमिटि यूनिवर्सिटी के कैंपस में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंगए द्वारा ग्रीन बिल्डिंग और रेटिंग सिस्टम पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रो. डाॅ भरत राज सिंह जो एक प्रख्यात पर्यावरणविद् है और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज लखनऊ में महानिदेशक (तकनीकी) हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 29 March 2019 6:35 PM IST
सौर विद्युत स्थापना में विश्व का तीसरा सबसे तेज देश है भारत
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लखनऊ: एमिटि यूनिवर्सिटी के कैंपस में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंगए द्वारा ग्रीन बिल्डिंग और रेटिंग सिस्टम पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रो. डाॅ भरत राज सिंह जो एक प्रख्यात पर्यावरणविद् है और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज लखनऊ में महानिदेशक (तकनीकी) हैं।

मुख्य वक्ता के रूप में ग्लोबल वार्मिंग से उत्पन्न पर्यावरण के खतरनाक प्रभाव को रोकने और इसकी उपचारात्मक कार्यवाई को अपनाने पर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया मानव जाति को प्रकृति से सबसे अच्छा संबंध बनाना होगा इसके लिए उनके निवास कार्यालयों व अन्य आश्रयों को ऊर्जा कुशल ग्रीन बिल्डिंग बनाना होगा।

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उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में प्रमुख योगदान ट्रांसपोर्ट क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र का ही है जिसमें नई तकनीक को तैयार कर इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन और वायु वाहनों के उपयोग को बढ़ाया जाए जिससे लोगों की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सकता है और विकास की गति पर भी दुस्प्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं वैश्विक परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए सौर और पवन ऊर्जा के दोहन हेतु उनके अधिकाधिक स्थापना हेतु पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

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रिन्यूएबल एनर्जी में भारत की क्षमता वर्ष 2030 तक 850 गीगावॉट से अधिक होने की संभावना से नकारा नहीं जा सकता है। वर्तमान में भारतवर्ष विश्व का तीसरा सौर स्थापना का सबसे तेज देश बन चुका है। इसी स्थिति से काम होता रहा तो भारतवर्ष पड़ोसी देशों को भी बिजली की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय ग्रिड के माध्यम से कर सकता है।

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इस संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. आर. के खांडल, पूर्व कुलपति यूपीटीयू थे। देश भर से कई विशेषज्ञों ने संगोष्ठी में भाग लिया।



Dharmendra kumar

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