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Hardoi News: जानिए हरदोई में कब से शुरू हुई थी ट्रेन सेवा, कहां तक हुआ था पहला संचालन
Hardoi News: भारतीय रेलवे के 149 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। वह अपना स्थापना सप्ताह मना रहा है। जनपद में लखनऊ से हरदोई तक रेल लाइन 1871 में बिछाई गई थी। तब इस रूट पर ट्रेन को दौड़ाने में तीन वर्ष लग गए थे।
Hardoi News: भारत में पहली रेल शुरू होने के उपलक्ष्य में रेलवे अपना रेल सप्ताह मना रहा है। 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे के बीच चली थी, जबकि लखनऊ से हरदोई के लिए पहली पैसेंजर ट्रेन 1874 में चली थी। तब यात्रियों को स्टेशन पर हाथ से संचालित मशीन से टिकट बनाकर दिए जाते थे, लेकिन अब यात्री घर बैठे या फिर ट्रेन में बैठकर ऑनलाइन टिकट बना रहे हैं।
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भारतीय रेल माना रहा स्थापना सप्ताह
आज तमाम सुविधाओं से यात्रियों का समय तो बच ही रहा है, परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ रहा है। भारतीय रेलवे के 149 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। वह अपना स्थापना सप्ताह मना रहा है। जनपद में लखनऊ से हरदोई तक रेल लाइन 1871 में बिछाई गई थी। तब इस रूट पर ट्रेन को दौड़ाने में तीन वर्ष लग गए थे। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ से पहली पैसेंजर ट्रेन 1874 में चलाई गई थी, तब हरदोई से लखनऊ करीब 20 से 25 यात्री ही ट्रेन में सफर किया करते थे। एक कमरा स्टेशन मास्टर के लिए बनाया गया था, जिसमें यात्रियों के टिकट भी बनाए जाते थे। समय बीतता गया और रेलवे हाईटेक होता गया ।
वर्तमान समय में चल रही हैं 36 जोड़ी ट्रेनें
आज के दौर में हरदोई से 36 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। जिसमें से तीन जोड़ी ट्रेनों का संचालन कोविड के बाद से बंद चल रहा है। संचालित हो रही 33 जोड़ी ट्रेनों में करीब आठ से दस हजार यात्री सफर कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कभी ट्रेनें देरी से स्टेशन पर आती हैं तो कभी रद हो जाती हैं। जनपद के लोग एक दर्जन और ट्रेनों के ठहराव की लगातार मांग उठा रहे हैं। अब देखना है कि रेलवे लोगों की मांग पूरी कर पाता है या फिर पहले की तरह ही लोगों को परेशान होना पड़ेगा।
यह ट्रेनें कोविड के बाद से हो गईं बन्द
कोविड 19 से पूर्व हरदोई स्टेशन से 36 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता था। कोविड में थमे रेल के चक्कों के बाद दोबारा पटरी पर कई ट्रेनें लौटीं, पर हरदोई से होकर जाने वाली तीन जोड़ी ट्रेनों का संचालन अभी तक नहीं किया गया है। जिसमें हावड़ा से अमृतसर के मध्य चलने वाली 13049-50 डुप्लीकेट,प्रयाग से बरेली के मध्य चलने वाली 54377-78 पैसेंजर,लखनऊ से सहारनपुर के मध्य चलने वाली 54251-52 पैसेंजर ट्रेन को अभी तक नहीं चलाया गया है। लगातार रेल यात्री इन ट्रेनों को चलाने की मांग कर रहे हैं