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नेपाल बार्डर पर 600 किमी लंबाई में बनेंगी सड़कें, SSB चौकियों को जोड़ने की योजना
सरकार ने नेपाल सीमा पर सडकों का जाल मजबूत करना शुरू कर दिया है। नेपाल सीमा पर 600 किमी लंबाई में सडकों का निर्माण किया जाएगा।
लखनऊ। देश की उत्तरी सीमा को मजबूत बनाने के मकसद से सरकार ने नेपाल सीमा पर सडकों का जाल मजबूत करना शुरू कर दिया है। नेपाल सीमा पर 600 किमी लंबाई में सडकों का निर्माण इस तरह किया जाएगा जिससे सीमा सुरक्षा बल की चौकियां भी सड़क मार्ग से जुड़ जाएं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नेपाल सीमा पर सडक निर्माण के कार्य में तेजी लाई जाए और शेष तीन पैकेज का काम भी जल्द से जल्द पूरा कराया जाए।
नेपाल बार्डर पर 600 किमी लंबाई में बनेंगी सडकें
प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से ग्रामीण मार्गों के साथ-साथ मुख्य मार्गों, जिला मार्गो, राज्य मार्गों तथा राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाया जा रहा है, उसी तरह देश की सीमाओं को जोड़ने वाले राज्यों के बार्डर तक बनी सड़कों को और अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाया जाए। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी सडकों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके साथ ही सशस्त्र सीमा सुरक्षा बलों की पैट्रोलिंग व सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर नेपाल बाॅर्डर की सडक परियोजनाओं का काम जल्द पूरा कराया जाए।
एसएसबी चौकियों को भी जोड़ने की योजना
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश से जुड़ने वाले अन्य प्रदेश और देश की सीमाओं तक महत्वपूर्ण मार्गोें को और अधिक विकसित करने की जरूरत है। इन मार्गों का सौन्दर्यीकरण भी कराया जाना चाहिए। इन मार्गों के विस्तार से यातायात की आसानी के साथ-साथ आर्थिक विकास का मार्ग भी खुलता है।
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अब तक सडक निर्माण पर खर्च हुए 642 करोड़
इस बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि इण्डो-नेपाल बाॅर्डर योजना के तहत प्रथम फेज में 12 पैकेज पर काम शुरू किया गया था, जिसमें 9 पैकेज पर सडक निर्माण का काम पूरा हो गया है। तीन पैकेज पर अभी कार्य चल रहा है।
नेपाल बाॅर्डर के जिलों-खीरी, श्रावस्ती के 2-2 पैकेज का काम पूरा हो गया है तथा पीलीभीत, बहराईच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व महराजगंज के एक - एक पैकेज का काम पूरा हुआ है। सिद्धार्थनगर की सीमा पर सडक निर्माण के दो पैकेज और महराजगंज की सीमा पर एक पैकेज पर काम चल रहा है। इन 12 परियोजनाओं के लिये कुल 694 करोड़ रुपये का बजट आवंटन मिला है जिसमें से अब तक 642 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
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मुख्य मार्ग का नया रूट स्वीकृत
इसके अलावा भूमि अधिग्रहण के लिए भी 277.70 करोड़ रुपये पिछले वर्षों में प्राप्त हुए हें। वर्ष 2020-21 में भूमि अधिग्रहण के लिये 38.50 करोड़ रुपये की धनराशि भी प्राप्त हुयी है। नेपाल बाॅर्डर पर लगभग 600 किमी की लम्बाई में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से मुख्य मार्ग का नया रूट स्वीकृत किया गया है। इसके तहत सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल की चौकियों को भी जोडा जा रहा है।
अखिलेश तिवारी
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