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औद्योगिक इकाईयों के पास नहीं है आर्डर, दम तोड़ रहा रियल स्टेट सेक्टर
कोरोना काल में औद्योगिक क्षेत्र में बड़ा असंतुल बना, श्रमिकों में असुरक्षा भावना पैदा हुई। इससे भारी तादात में श्रमिकों का पलायन देखा गया, जो आज भी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। यह नोएडा उद्यमियों के लिए चिता का विषय बन चुका है।
नोएडा: कोरोना काल में औद्योगिक क्षेत्र में बड़ा असंतुल बना, श्रमिकों में असुरक्षा भावना पैदा हुई। इससे भारी तादात में श्रमिकों का पलायन देखा गया, जो आज भी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। यह नोएडा उद्यमियों के लिए चिता का विषय बन चुका है।
प्रदेश सरकार भले ही प्रवासी मजदूरोंं को लेकर चितन, मनन करने में जुटी है। चार औद्योगिक संगठनों इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, फिक्की, नेरेडको के साथ 11 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को औद्योगिक इकाइयों से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में खपाने के लिए करार किया है।
हकीकत यह है कि मौजूदा समय में चार लाख प्रवासी श्रमिकों को औद्योगिक सेक्टरों में खपाना संभव नहीं है, क्योंकि न तो इकइायों के पास काम है और न ही हाल फिलहाल आर्डर मिलने की संभावना है।
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100 से 150 किलोमीटर की परिधी में काम करना चाहता है श्रमिक
आईआईए राष्ट्रीय सचिव राजीव बंसल ने बताया कि जिन हालातों से जूझकर श्रमिक पलायन कर अपने घर पहुंच रहा है। इसको देखकर कोई भी श्रमिक अब दूर दराज क्षेत्रों में जाकर काम करना नहीं चाहता है।
श्रमिक 100 से 150 किलोमीटर की परिधी में ही काम धंधा करना चाहता है, जिससे सुबह शाम में सुरक्षित अपने घर या परिवार तक पहुंच सके। गौतमबुद्धनगर ही नहीं, बल्कि पूरा पश्चिम उत्तर प्रदेश श्रमिक बेल्ट नहीं है।
इसलिए यहां चुनौती बड़ी होने वाली है। उन्होंने बताया कि जिले में 16 हजार इकाइयां है, पांच-पांच श्रमिक यदि सब लेंगे, तो 80 हजार खपा लेंगे। एक जिला एक उत्पाद में कुछ तकनीकी रुप से दक्ष को मिला ले तो भी एक से डेढ़ लाख तक ही क्षमता पहुंच सकेंगी।
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मांग के अनुसार तैयार किया जाएगा सरकारी डाटा
लघु उद्योग भारती, गौतमबुद्धनगर की अध्यक्ष मंजुला मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में चार लाख श्रमिकों को औद्योगिक इकाइयों में नौकरी दिलाने का अनुबंध सरकार के साथ किया गया है, लेकिन अभी जिला स्तर पर कितने श्रमिकों को एडजेस्ट किया जा सकता है।
इसका आंकलन किया जाना बाकी है। लेकिन यदि औद्योगिक इकाइयों की ओर से श्रमिकों की मांग की जाएगी तो उनकी मांग के अनुसार सरकारी डाटा से श्रमिकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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रियल एस्टेट खुद वेंटीलेटर पर चल रहा
नेरेडको यूपी अध्यक्ष आरके अरोड़ा (चेयरमैन सुपरटेक ग्रुप) ने रियल एस्टेट सेक्टर में ढ़ाई लाख श्रमिकों को रोजगार गारंटी का दावा किया है, सरकार से अनुबंध साइन किया है। लेकिन हकीकत यह है कि रियल एस्टेट पिछले कई वर्षो से खुद वेंटीलेटर पर पड़ा हुआ है।
राहत के लिए बार बार खुद सरकार से गुहार लगा रहा है। कभी स्ट्रेस फंड, तो कभी अन्य मद में फंड की मांग की जा रही है। तमाम बिल्डर परियोजनाए 10-10 वर्ष से लटकी हुई है। ऐसे में यहा मजदूरों को कहा खपाया जाएगा।