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International Yoga2023: मजहब को दरकिनार कर मदरसों में उत्साह के साथ किया गया योग
International Yoga2023: मजहब और योग से जुड़े तमाम विरोध को दरकिनार कर मदरसों में योग दिवस मनाया गया। मदरसों में उत्साह के साथ बच्चों और टीचर्स ने योग किया। इस दौरान सभी लोगों ने योग और उससे जुड़े फायदों के बारे में भी जाना।
International Yoga 2023: दुनिया भर में बुधवार 21 जून को उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। सभी स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ मदरसों में भी आज के दिन योग किया गया। उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के साथ-साथ राजधानी लखनऊ के मदरसा दारुल उलूम वारसिया में भी बच्चों, टीचर्स और अन्य लोगों ने योग किया। इस दौरान सभी को योग से मिलने वाले सेहत के लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई। योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अली और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने भी शामिल होकर योग किया।
मुस्लिम धर्मगुरुओं के अलग विचार
मदरसों में योग दिवस मनाया जाना बेहद महत्वपूर्ण है। दरअसल योग को हमेशा हिंदू धर्म से जोड़कर देखा जाता है। मुसलमानों के योग करने को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु अलग विचार रखते हैं। उनका कहना है कि मुसलमानों में सूर्य नमस्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि हमारे धर्म में अल्लाह के अलावा किसी और के लिए सजदा करना धर्म सम्मत नहीं है।
तालीम दिवस मनाने की सलाह
इसके अलावा मुसलमानों के योग दिवस को लेकर राजनीति भी खूब की जाती है। हाल ही में सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क ने मदरसों में योग को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि मदरसों में योग दिवस नहीं तालीम दिवस मनाया जाना चाहिए।
योग में आड़े नहीं आया मजहब
बड़ी बात है कि इन सब बातों को दरकिनार कर मदरसों में योग दिवस मनाया गया। मदरसों में मजहब को सेहत की साधना में आड़े नहीं आने दिया गया और उत्साह के साथ बच्चों और टीचर्स ने योग किया। इस दौरान सभी लोगों ने योग और उससे जुड़े फायदों के बारे में भी जाना। मदरसा दारुल उलूम वारसिया से एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें मोलवी साहब लोगों को बाबा रामदेव का नाम लेकर डायबिटीज से जुड़े योग के लाभ बताते नजर आ रहे हैं।
2014 में हुई योग दिवस की शुरुआत
बता दें कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी। आज पूरी दुनिया में योग दिवस एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दिन सारे धर्म के लोग एक साथ आसमान के नीचे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग अभ्यास करते हैं। आज योग भारत की साधना के वैश्विक होने का प्रमाण बन गया है।