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International Yoga Day 2023: बाबा राम देव भी इनके आगे कुछ नहीं, सबसे बड़ी योग गुरु, जिन्होंने पूरे विश्व में अपना परचम लहराया

International Yoga Day: विदेश में जन्मी महिला योग से हुई आकर्षित और भारत देश आकर ली योग की शिक्षा। अपनी योग की शिक्षा को पूरी दुनिया में लाखों लोगों तक पहुंचाया।

Vertika Sonakia
Published on: 21 Jun 2023 5:51 AM GMT
International Yoga Day 2023: बाबा राम देव भी इनके आगे कुछ नहीं, सबसे बड़ी योग गुरु, जिन्होंने पूरे विश्व में अपना परचम लहराया
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Yoga Guru Indira Devi(Photo: Social Media)

International Yoga Day 2023: विदेश में जन्मी महिला योग से हुई आकर्षित और भारत देश आकर ली योग की शिक्षा। अपनी योग की शिक्षा को पूरी दुनिया में लाखों लोगों तक पहुंचाया। चीन और अमेरिका जैसे देश जीने योग का कोई ज्ञान नहीं था वहाँ योग का बीज बोया और साथ ही अपना योग स्कूल बभी खोला। आइये जानते है पहली योग गुरु के बारे में।

कौन थी योग की पहली महिला ?

इंदिरा देवी (Indra Devi) एक प्रमुख योग गुरु थीं जिन्होंने योग का ज्ञान प्राप्त किया और उसे रूसी भाषा में सिखाने का कार्य किया। इंदिरा देवी का असली नाम एकतेरीना जगेललॉव (Ekaterina Jagellov) था और वे 12 मई, 1899 को रूस के टलिन (Tallinn) शहर में जन्मी थीं। उनके पिता रूसी थे जबकि उनकी मां स्विस्स थीं।
इंदिरा देवी को योग की रुचि पहले ही बचपन से थी। वे योग के लिए अपनी माता की मदद से भारत आईं और बाद में 1928 में महात्मा गांधी के समर्थन से वाराणसी में स्वामी शिवानन्द के आश्रम में रहने आईं। वहां पर उन्होंने योग की अध्यात्मिक और शारीरिक शिक्षा प्राप्त की और योगी शिवानन्द ने उन्हें योग का गुरु बनाया।

विभिन्न देशों में किया योग का प्रचार

इंदिरा देवी ने अपने योग के ज्ञान को बाद में रूस ले जाकर योग को प्रचारित करने का कार्य किया। वे रूस में पहली महिला थीं जिन्होंने योग का प्रचार किया और रूसी भाषा में योग के लिए ग्रंथों की रचना की। रूस के साथ साथ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, चीन, मेक्सिको जैसे देशो में जाकर वह के लोगो को योग की शिक्षा दी।
रूस से आकर भारत में किया विवाह

इंदिरा देवी ने बैंकर हरमन बाम से शादी करने के लिए एक शर्त रखी की वह उन्हें भारत देश ले जायेगे और इसका पूरा खर्चा उठाएंगे। १९१७ में वह भारत आयी और पूरे देश का भ्रमढ किया। भारत भ्रमढ के बाद रूस लौटने पर उन्होंने अपने अंदर बदलाव महसूस करे और अपनी शादी की अंघूटी एवं सभीब गहने वापस लौटा दिए। गहने वापस करने के बाद उन्होंने हरमन से कहाँ की उनकी जगह भारत देश में ही है। अपने सामान और गहनों को बेचकर तीन माह बाद वह भारत आ गयी और योग में ही विलीन हो गयी। भारत आकर योग के साथ ही वह बॉलीवुड में अभिनेत्री और नृत्यांगना के तौर पर कार्य करने लगी। वर्ष १९३० में उन्होंने चेकोस्लोवाक के एक वाणिज्य दूतावास कर्मी से विवाह कर लिया।

योगगुरु तिरुमलाई कृष्णमाचार्य से ली योग शिक्षा

इंदिरा देवी के आज्ञा करने पर योगगुरु ने उन्हें विदेशी महिला कहकर योग सिखाने से इंकार कर दिया। मैसूर के महाराज कृष्ण राजेन्द्रे के कहने पर योगगुरु तिरुमलाई ने उन्हें योग की शिक्षा देने के लिए हामी भरी। मैसूर पैलेस की योगशाला में योग सीखने वाली वह प्रथम महिला थी।

सांघाई में चलाया योग शिक्षा का विद्यालय

भारत से योग सीखने के बाद वह संघाई में बसी और राष्ट्रवादी नेता चियांग काई शेक की पत्नी के घर में एक योग शिक्षा विधालय खोला। यह चीन का प्रथम योग विद्यालय था। कैलिफोर्निआ में भी उन्होंने अपना एक योग स्कूल खोला। कई हॉलीवुड सेलिब्रिटीज जैसे ग्रेटा गार्बो, इवा गैबोर आदि को भी उन्होंने योग की शिक्षा दी। योग के साथ ही उन्हें पांच भाषाओ का ज्ञान भी था जैसे अपनी मात्र भाषा रूसी उसके साथ अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश।

102 की उम्र में हुआ निधन

मशहूर योग गुरु इंदिरा देवी का निधन २००२ में १०२ वर्ष की उम्र में हुआ। उन्होंने जीवन में लाखों लोगो को योग की शिक्षा दी।

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