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Interview : जनता से जुड़े मुद्दों पर करेंगे संघर्ष
लखनऊ : संघर्षशील युवा नेता की पहचान रखने वाले कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी कांग्रेस कमेटी के नया अध्यक्ष बनाया गया है। गरीब परिवार में जन्मे लल्लू ने कुशीनगर में किसान पीजी कालेज सेवरही से छात्र राजनीति शुरू की और वर्ष 2000 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने। पिछड़ी जाति मधेसिया से ताल्लुक रखने वाले लल्लू वर्ष 2008 में कांग्रेस में शामिल हुए। वे वर्ष 2012 और 2017 में तुमकुहीराज से विधायक चुने गए। सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन विवाद में हुए नरसंहार के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले नेता लल्लू ही थे। उनकी पहल पर ही प्रियंका गांधी सोनभद्र में नरसंहार पीडि़तों से मिलने पहुंचीं और यूपी में भाजपा की सरकार को बैकफुट पर ला दिया। लल्लू से अपना भारत के धनंजय सिंह ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के अंश।
प्रश्न: कांग्रेस को कैसे मजबूत करेंगे?
राजनीति में मेरे तीन मूल सिद्धांत रहे हैं-संपर्क, संवाद और संघर्ष। इसी के आधार पर मैंने संगठन और राजनीति में कार्य किया है। जनसरोकार के मुद्दों को अधिक मजबूती से उठाने का प्रयास किया जाएगा।
प्रश्न: कांग्रेस जनता का विश्वास खोती जा रही है। लोगों का विश्वास कैसे जीतेंगे?
ऐसा नहीं है। सोनभद्र का नरसंहार हो या उन्नाव में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर प्रकरण या शाहजहांपुर में बेटी को इंसाफ दिलाने का मामला हो, इन सभी मामलों में कांग्रेस ने मजबूती के साथ जनता की आवाज को उठाया है।
प्रश्न: यूपी में कांग्रेस आज चौथे नंबर की पार्टी बन गयी है। पार्टी को इस संकट से कैसे उबारेंगे?
प्रदेश में जो 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। उन पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी, अपने विचार और कार्यकर्ताओं के दम पर विपक्षियों को पटखनी देगी।
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प्रश्न: पार्टी का पूरा फोकस पूर्वी उत्तर प्रदेश पर है या पूरी यूपी पर?
शाहजहांपुर तो पश्चिमी यूपी में आता है जहां की बेटी को न्याय दिलाने की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। प्रियंका गांधी पूरे प्रदेश की प्रभारी हैं। वो हर जनपद से फीडबैक ले रही हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अब तक वे 9,000 से ज्यादा लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिल चुकी हैं।
प्रश्न: क्या यूपी में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार होंगी?
द्व यह तो राष्ट्रीय नेतृत्व को तय करना है। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाने, नेताओं को घरों से उठाने के बावजूद शाहजहांपुर में 3,000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे थे। इसके बाद लखनऊ में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में 40,000 से अधिक लोगों ने शाहजहांपुर की बेटी को न्याय दिलाने के लिए पदयात्रा की थी। इससे पता चलता है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश और विश्वास बढ़ा है। इससे आगे की राह आसान होगी।
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प्रश्न: प्रदेश की योगी सरकार के कार्यों से कितना संतुष्ट हैं?
प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले चुनाव में जो वादे प्रदेश की जनता से किए थे वे सभी झूठे निकले। झूठ और फरेब में माहिर भाजपा के नेताओं ने प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन आज स्थिति यह है कि रोजगार छीना जा रहा है। प्रदेश के लाखों नौजवान बेरोजगार हैं। जहां एक तरफ नई नौकरियां सृजन करने में सरकार विफल है वहीं दूसरी तरफ नौजवानों को नौकरियों से निकाला भी जा रहा है। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है। कोई भी आम नागरिक सुरक्षित नहीं है। आये दिन हत्या, लूट, डकैती की घटनाएं हो रही हैं। अपराधी बेखौफ हैं। खेती और किसानी से जुड़ी प्रत्येक चीजें महंगाई की भेंट चढ़ रही हैं। गरीब किसानों की खून-पसीने से तैयार फसलों को अवारा पशु बर्बाद कर रहे हैं। किसानों को रात-रात भर अपने खेतों में सोना पड़ रहा है। गन्ना किसानों के बकाये का पूर्ण भुगतान का वादा करके भाजपा सरकार भूल गयी है। बिजली के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि से आम नागरिकों पर महंगाई का बोझ बढ़ा है और बुनकरों की कमर टूट गयी है।
प्रश्न: आप पहली बार प्रदेश कांग्रेस के संगठन का नेतृत्व करने जा रहे हैं। कैसे सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करेंगे?
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने मुझे प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी हैं, उनका मैं शुक्रगुजार हूं। संगठन से बढ़कर कोई नहीं हैं। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं का एक मार्गदर्शन मंडल बनाया गया है। उनके सहयोग के बिना कुछ संभव नहीं है। उनका मार्गदर्शन हमेशा हम लेते रहेंगे। संगठन के द्वारा कोई बड़ा कार्यक्रम वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के सहयोग से किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा 44 जिलाध्यक्षों व सात शहर अध्यक्षों की घोषणा की जा चुकी है। बचे जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। अगले छह माह में कांग्रेस बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा कर देगी। कांग्रेस में अब काम करने वालों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देगी।
प्रश्न: कांग्रेस की अनुषांगिक संगठन यूथ, छात्र, महिला और सेवादल का संगठन एकदम शून्य है, जो महज कागजों पर है?
ऐसा नहीं है। उनको धार और दिशा देने की आवस्यकता है, जो उपचुनाव के बाद दिखना शुरू हो जाएगा। प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों और शहर अध्यक्षों की तैनाती के बाद अन्य संगठनों को मजबूत करने का काम किया जाएगा। यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के पदाधिकारी चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं।
प्रश्न: कांग्रेस के कार्यक्रमों, आंदोलनों में निरंतरता नहीं है। इसे कैसे दुरुस्त करेंगे?
जनपदवार पार्टी संगठन के लोगों से चर्चा के बाद जो भी जनसरोकार के मुद्दे हैं उन्हें उठाकर संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेंगे। प्रियंका गांधी यूपी में सबसे ज्यादा समय देकर संघर्ष और संपर्क की रणनीति बना रही हैं। इससे कांग्रेस सभी चुनौतियों का सामना कर सकेगी।
प्रश्न: कुछ कांग्रेसी नेता और विधायक भाजपा के संपर्क में हैं? इस स्थिति से कैसे निपटेंगे?
पार्टी के भीतर जो भी अनुशासनहीनता करेगा चाहे वह कितना ही बड़ा नेता या प्रभावशाली क्यों न हो, उस पर कार्रवाई की जाएगी। पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है। पार्टी और संगठन को मजबूत बनाने के लिए जरूरी और कड़े कदम भी उठाए जाएंगे।
प्रश्न: भाजपा की जातीय गोलबंदी की राजनीति की कांग्रेस के पास क्या कोई काट है?
द्वकांग्रेस में संगठन का जो नया प्रारूप आया है उसमें सभी जातियों और सभी लोगों का समान रूप से समावेश है। कई पिछड़़ी जातियां, ब्राह्मण, मुसलमान और दलित पूर्व में कांग्रेस पार्टी के मतदाता रहे हैं। इनसे निरंतर संवाद, संपर्क और जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष करके कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ेगी।