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यूपी सरकार को फटकार: जानिए SC ने क्यों कहा- यूपी में जंगलराज है?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और पूछा है कि क्या यूपी में जंगलराज है? देश की सर्वोच्च अदालत ने बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह तीखी टिप्पणी की।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और पूछा है कि क्या यूपी में जंगलराज है? देश की सर्वोच्च अदालत ने बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह तीखी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ ये भी पूछा कि सरकार किस कानून के तहत मंदिर और उनकी संस्थाओं की निगरानी कर रही है।
तीखी टिप्पणियों के बाद वकील की तरफ से लिखित हलफनामा दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ समय मांगा गया है। वकील को इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि यूपी में किस कानून के तहत मंदिरों की देख रेख की जाती है।
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इस मामले पर सुनवाई कर रही है जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से सवाल किया कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां मंदिर व सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? इस पर सरकार के वकील ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा कि सुनवाई के दौरान यूपी सरकार का कोई अधिकारी अदालत में क्यों नहीं मौजूद है, जो वकील को जानकारी दे सके और कोर्ट के सवालों का जवाब भी दे।
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कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश की सरकार नहीं चाहती है कि वहां कोई काननू हो। इसके साथ ही कहा कि लग रहा है कि यूपी में जंगलराज है।
कोर्ट ने कहा कि हम यूपी सरकार से परेशान हो गए हैं। आए दिन ऐसा देखने को मिलता है कि सरकार की तरफ से पेश वकीलों के पास उचित निर्देश नहीं होते हैं। फिर चाहें वह दीवानी का मामला हो या आपराधिक। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
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कोर्ट ने मुख्य सचिव को किया तलब
नाराज कोर्ट ने करीब 10 साल पूराने इस मामले में अब यूपी के मुख्य सचिव को तलब किया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हम सीधे मुख्य सचिव से जानना चाहते हैं कि क्या यूपी में मंदिर और सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है?