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UP News: IPS मणिलाल पाटीदार बर्खास्त, सूची से भी हटाया गया नाम...कारोबारी की मौत मामले के थे आरोपी
UP News: यूपी कैडर के 2014 बैच के आईपीएस ऑफिसर मणिलाल पाटीदार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपी सरकार की सिफारिश पर उन्हें आईपीएस सेवा से बर्खास्त कर दिया।
UP News: यूपी कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर मणिलाल पाटीदार को आईपीएस सेवा से बर्खास्त (Patidar Dismissed From IPS Service) कर दिया है।
बता दें, मणिलाल पाटीदार इस वक़्त लखनऊ जेल में बंद हैं। उन पर महोबा के एक कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने, भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप हैं। मणिलाल ने बीते साल अक्टूबर में दो साल फरार होने के बाद कोर्ट में सरेंडर किया था। उनका नाम अब आईपीएस सूची से भी बाहर कर दिया गया है।
2 साल तक फरार रहे पाटीदार
लखनऊ जेल में बंद 2014 बैच के आईपीएस ऑफिसर मणिलाल पाटीदार को उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर साल 2020 में महोबा के एक व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। कारोबारी मौत मामले में मणिलाल पाटीदार लंबे समय तक फरार रहे थे। यूपी पुलिस उन्हें करीब दो वर्षों तक तलाशती रही। आख़िरकार योगी सरकार ने पाटीदार को सस्पेंड कर दिया। साथ ही, केंद्र सरकार से उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की। जिसके बाद हाल ही में केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग यानी DOPT ने मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त कर दिया। उनका नाम आईपीएस लिस्ट से भी हटा दिया गया।
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योगी सरकार ने की थी SIT गठित
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर 11 सितंबर 2020 को पुलिस ने मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar), कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, कॉन्स्टेबल अरुण यादव सहित दो व्यापारियों पर IPC की धारा- 302 के तहत केस दर्ज किया। योगी सरकार ने इस मामले में SIT गठित की, जिसमें आत्महत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) के तहत केस दर्ज किया गया।
...रातों-रात हुआ फरार
महोबा के कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी के आरोप और उनकी संदिग्ध मौत के बाद सरकार ने मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से अटैच किया था। लेकिन, वो रातों-रात फरार हो गए। पुलिस ने पाटीदार के ऊपर एक लाख का इनाम भी घोषित किया। तक़रीबन दो वर्ष तक फरार रहने के बाद उसने लखनऊ कोर्ट (Lucknow Court) में सरेंडर किया। तब से वो जेल में बंद है।