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अरे गरीबों को क्यों हटा रहे हैं, नारा है गरीबी हटाने का
नगरपालिका कर्मचारियों ने शहर में लगे फल,सब्जी के ठेले वालों का तराजू उठाओ अभियान चलाया। प्रसाशन के आदेशों को न मानना गरीब ठेले वालों को अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
इटावा: नगरपालिका कर्मचारियों ने शहर में लगे फल,सब्जी के ठेले वालों का तराजू उठाओ अभियान चलाया। प्रसाशन के आदेशों को न मानना गरीब ठेले वालों को अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। कभी पुलिस की गालियां, लाठियां, तो कभी तराजू छुड़ाने के एवज में भरना पड़ रहा है चालान। नगरपालिका की इस 'गरीब हटाओ तराजू उठाओ' अभियान के पीछे मंशा इतनी सी है कि प्रसाशन द्वारा नुमाईश के पास बनाये गए वैंडिंग जोन में इन ठेले वालों को पहुंचाना है।
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जाम की किल्लत से शहर को निजात दिलाने के लिए नगरपालिका कर्मचारी अपनी हनक का बुलडोजर गरीबों के ठेले पर चलाकर शहर को जाम से निजात दिलवाएंगे। आपको बता दे 1 सप्ताह पूर्व प्रसाशन ने शहर को जाम से मुक्त करने के लिए एक निर्देश जारी किए थे, जिसमें शहर में लगने वाले फल, सब्जी ठेले वालों को शहर के बाहर नुमाईश के पास वैंडिंग जोन बनाया है। जहां पर ठेले लगाए जाएं लेकिन फल सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि शहर का खरीदार फल सब्जी लेने इतनी दूर तक नहीं जाएगा इससे हमारा नुकसान होगा ।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने की मदद
शहर के ठेला पर फल बेचने वालों की आवाज प्रसाशन तक पहुंचाने के लिए समाजवादी पार्टी के शहर अध्यक्ष ने सदर SDM सिद्धार्थ सिंह से मिलकर इन ठेला लगाने वालों की समस्या से अवगत करवाया था। जिस पर नगर एसडीएम ने समस्या का समाधान निकालने का आश्वाशन भी दिया था। सपा नगर अध्यक्ष वसीम चौधरी ने गरीब ठेले वालो की इस समस्या में हर तरह से साथ देने का भी आश्वासन दिया।
शहर में पुलिस बल के साथ पालिका आर.आई.पुष्पेंद्र सिंह द्वारा शहर में लगे ठेलों वालो को ठेले हटाने के लिए उनके चालान काटे गए। चालान काटने के लिए आर.आई.महोदय द्वारा गरीब ठेले वालों के तराजू उठवाकर नगरपालिका में करवाएं गए जमा।
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शहर के फुटपाथों पर 5.5 फुट से अधिक जगह पर दुकानदारों का अतिक्रमण नाली से बहार तक दुकाने उसके बाद उनके वाहनों के द्वारा अतिक्रमण पालिका के आर.आई.पुष्पेंद्र सिंह को दिखेगा भी नहीं क्योंकि अगर दुकानदारों की व्यवस्थाओं में आंच आयी तो व्यापारी संघठन एकत्रित होकर व्यापारियों का उत्पीड़न के नाम पर अख़बरबाजी से लेकर प्रसाशन को ज्ञापन का ढ़ेर लग जाएगा तो। उनको छूने का नगरपालिका रिस्क नहीं ले सकती इसलिए गरीब ठेलों वालो पर मनमानी चलाकर प्रसाशनिक आदेशों का पालन करवाकर खानापूर्ति जरूर कर सकते है पालिका कर्मचारी।
रिपोर्ट-उवैश चौधरी
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