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Jalaun News: आखिरी दिनों पर खुली जवारों की झांकी, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

Jalaun News: दर्शन के लिए भक्तों का तांता देर रात तक लगा रहा। इधर, मंदिरों में भी मैया के दर्शनों हेतु श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ी।

Afsar Haq
Published on: 27 March 2023 10:55 AM GMT
Jalaun News: आखिरी दिनों पर खुली जवारों की झांकी, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
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खुली जवारों की झांकी (photo: social media )

Jalaun News: जालौन बुंदेलखंड मे नवरात्रि में जवारे बोए जाने का विधान है, जिसके चलते चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कई जगह जवारे बोए गए थे। बोऐ गए जवारों की पहली झांकी आम श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोली गई। दर्शन के लिए भक्तों का तांता देर रात तक लगा रहा। इधर, मंदिरों में भी मैया के दर्शनों हेतु श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ी। देवी गीत और अचरियां गाकर श्रद्धालु मैया को प्रसन्न करने में पूरे भक्तिभाव से लगे हैं।

बुंदेलखंड में ऐसी मान्यता है कि अगर शक्तिपीठों पर जाकर मुराद मांगी है अगर वह पूरी हो जाती है तुम्हें नवरात्रि के दिनों में जवारे बोऐ जाते हैं। इनको नवमी के दिन शक्तिपीठों पर जाकर देवी के चरणों में समर्पित किए जाते हैं। नगर व क्षेत्र के विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से ही जलाभिषेक के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी। जलाभिषेक के बाद विधि विधान से मैया की पूजा अर्चना की गई।

जवारों की भी पंचमी को प्रथम झांकी खुली

सायं काल में दर्शनार्थियों की भीड़ और भी अधिक बढ गई। गोधूलि वेला से प्रारंभ हुए दर्शनार्थी देर रात तक मंदिरों में मत्था टेकने पहुंचे। मैया के साक्षात् स्वरूप जवारों की भी पंचमी को प्रथम झांकी खुली और श्रद्धालुओं ने उनके दर्शन किए। विद्वान ब्राह्मणों के अनुसार जवारे धन धान्य के प्रतीक हैं और उनका अंकुरण फसलों की पैदावार का संकेत देने वाला है। इन्हें आदिशक्ति का साक्षात् स्वरूप भी माना गया है और वैसी ही मान्यता है। रात्रि में जवारों के स्थानों पर महिलाओं द्वारा मैया को प्रसन्न करने के लिए देवी भजन और बुंदेलखंड में प्रचलित अचरियां गाईं गईं। नवरात्रि के आखिरी दिनों में बोए गए जवारो को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर चढ़ाए जाते हैं, जिसकी जहां पर मन्नत होती है वही जाकर धूमधाम गाजे बाजे के साथ ले जाया जाता है वहीं कुछ श्रद्धालु अपने शरीर में सांग भी छिदवा कर शक्तिपीठों पर जाते हैं। बुंदेलखंड में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है और विशाल भंडारा भी किया जाता है। यह मेला करीब 9 दिन तक पूरे जोश खरोश के साथ लगा रहता है।

Afsar Haq

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