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जलियांवाला बाग कांड पर ब्रिटेन की प्रति​क्रिया उनका प्रायश्चित

जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूरा होने पर शनिवार को सुमंगलम संस्था द्वारा हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करके शहीदों को याद किया गया।

Dhananjay Singh
Published on: 13 April 2019 3:00 PM GMT
जलियांवाला बाग कांड पर ब्रिटेन की प्रति​क्रिया उनका प्रायश्चित
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लखनऊ: जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूरा होने पर शनिवार को सुमंगलम संस्था द्वारा हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करके शहीदों को याद किया गया।

कार्यक्रम में वक्ता राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि वैशाखी के पवित्र पर्व पर अमृतसर में जनरल ओ'डायर द्वारा सरेआम गोलियां चलवाकर 'रॉलेक्ट एक्ट' का विरोध कर रहे सैकड़ों क्रांतिकारियों की नृशंस हत्या अमानवीय कृत्य था। ब्रिटेन की संसद में पिछले दिनों खेद प्रस्ताव आया था जो उनका प्रायश्चित है।

सुमंगलम के राजकुमार ने बताया कि जलियांवाला बाग कांड से आहत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने 'सर' की उपाधि लौटायी दी। गरम दल के नौजवानों की आंखों में खून उतर आया। राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह जैसे हजारों युवाओं ने देश भर में मातृभूमि को मुक्त कराने का संकल्प दोहराया।

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राजकुमार ने बताया कि जलियांवाला बाग में जब सभा चल रही थी उस समय जनरल ओ'डायर ने मात्र 90 सैनिकों को लेकर चारों तरफ से घेर कर निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसानी शुरु कर दी। आजादी के आंदोलन की ये सबसे क्रूरतम नरसंहार था। एनीबीसेन्ट ने इसकी तुलना बेल्जियम में जर्मनों द्वारा किये गये अत्याचार से की तो रूसी निकोलाई तिखोनोवा ने 1905 में पिट्सबर्ग हत्याकांड से की।

भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी हिमांशु दुबे ने कहा कि शहीदों के बलिदान से ही आज भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।

Dhananjay Singh

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