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पत्थरों से आती है डमरू की आवाज, ये है एशिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर

हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैं जो चमत्कारी और रहस्यमयी माने जाते हैं। देवभूमि हिमाचल में भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं। सबका अपना महत्व है। वहीं हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 July 2020 12:51 PM GMT
पत्थरों से आती है डमरू की आवाज, ये है एशिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर
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जटोली शिव मंदिर

सोलन: हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैं जो चमत्कारी और रहस्यमयी माने जाते हैं। देवभूमि हिमाचल में भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं। सबका अपना महत्व है। वहीं हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल का समय लगा। जटोली शिव मंदिर सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर है।

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तीन दशक का समय

एक ऐसा ही अनोखे मंदिर जिसमें पत्थरों से भी डमरू की आवाज आती हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित जटोली शिव मंदिर के लिए मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए रहे थे। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए, जिनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।

साल 1974 में उन्होंने ही इस मंदिर की नींव रखी थी। हालांकि 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य रूका नहीं बल्कि इसका कार्य मंदिर प्रबंधन कमेटी देखने लगी। इस मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इसका निर्माण देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान के पैसों से हुआ है। यही वजह है कि इसे बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा।

स्फटिक मणि शिवलिंग

इस मंदिर में हर तरफ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा यहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। वहीं, मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इसे बेहद ही खास बना देता है।

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जटोली में पानी की समस्या नहीं

मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने यहां एक रात के लिए विश्राम किया था। कहा जाता है कि यहां के लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ा था। जिस देखते हुए स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी ने भगवान शिव की घोर तपस्या की और त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाला। तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की समस्या नहीं है। लोग इस पानी को चमत्कारी मानते हैं। इनका मानना है कि इस जल में किसी भी बीमारी को ठीक करने के गुण हैं। यहां हर रविवार को भंडारा लगता है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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