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जौनपुर: सपा नेता बाला यादव हत्या मामला, ब्लाक प्रमुख समेत तीन के खिलाफ FIR
जनपद के थाना लाईन बाजार क्षेत्र स्थित सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर गोलियों की बौछार करके सपा नेता एवं सभासद तथा भू माफिया बाला यादव हत्याकाण्ड में अब जीआरपी पुलिस ने मड़ियाहूं विकास खण्ड के ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव सहित तीन लोगो के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जौनपुर: जनपद के थाना लाईन बाजार क्षेत्र स्थित सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर गोलियों की बौछार करके सपा नेता एवं सभासद तथा भू माफिया बाला यादव हत्याकाण्ड में अब जीआरपी पुलिस ने मड़ियाहूं विकास खण्ड के ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव सहित तीन लोगो के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दूसरी ओर आज पोस्टमार्टम के बाद बाला यादव का अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामघाट पर किया गया।
ये है पूरा मामला
बतादे कि मृतक बाला यादव जमीन का कारोबार करता था और विवादित जमीनों को अपनी दबंगयी के दम पर औने पौने दामों पर लेता रहा। गवई राजनीति में दखल करने के कारण उसके कई दुश्मन हो गये थे । बाला के ऊपर हत्या एवं हत्या के प्रयास समेत नौ अपराधिक मुकदमें थानों में दर्ज है।
गत सोमवार की रात को साढ़े आठ बजे के आसपास अज्ञात बदमाशो ने सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर बाला यादव निवासी सैदनपुर को गोलियों से भुन डाला है । हत्या काण्ड के पश्चात राजकीय रेलवे पुलिस ने परिवार वालों की तहरीर पर मड़ियाहूं के ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव, सैदनपुर गांव के निवासी सुनील यादव और बक्शा निवासी राकेश यादव के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव सहित तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछ-ताछ भी कर रही है।
गांव की राजनीति में सक्रिय था
बाला यादव करीब दो दशक से अपराध के साथ गांव की राजनीति में सक्रिय था। उसके बाद वह जमीन के कारोबार में भू माफिया के रूप में जुड़ गया था। दोनो कार्यो के चक्कर में उसके कई लोगो से दुश्मनी हो गयी थी। समय समय पर मारपीट और हुई हत्याओं में बाला को लाइनबाजार थाने की पुलिस ने अपने रिकार्ड में हिस्ट्रीशीटर बना दिया। पुलिस ने बाला यादव के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास समेत कुल नौ मुकदमें दर्ज किया है। खबर यह भी है कि बाला यादव हत्या काण्ड के अभियुक्त बनाये गये लाल प्रताप यादव से जमीनी विवाद को लेकर बाला यादव से बीते कुछ सालों से गहरी रंजिस भी चल रही है। ऐसी खबर चर्चा में है कि मुकदमा नामजद होने की वजह से पुलिस नामजद अभियुक्तों तक सीमित रह सकती है।
कपिल देव मौर्य
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