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बिजली का हाहाकार: ऐसा रहा हड़ताल का दूसरा दिन, सरकारी दावे दिखे बेअसर

इसका कोई असर किसी पर नहीं पड़ा हां हर जिम्मेदार अपनी उपलब्धियों के लिए कागजी बाजीगरी का खेल जरूर करने की हर चन्द कोशिश  किया है। 

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 6 Oct 2020 6:28 PM IST
बिजली का हाहाकार: ऐसा रहा हड़ताल का दूसरा दिन, सरकारी दावे दिखे बेअसर
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गर्मी और पानी की समस्या से बिलबिलाते रहे लेकिन इसका कोई असर किसी पर नहीं पड़ा हां हर जिम्मेदार अपनी उपलब्धियों के लिए कागजी बाजीगरी का खेल जरूर करने की हर चन्द कोशिश किया है।

जौनपुर विद्युत विभाग के कर्मचारियों की अनवरत हड़ताल से दूसरे दिन दिन भी जनपदवासियों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा है। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी आम जनता को विद्युत संकट से उबारने के कागजी दावे तो बहुत किये लेकिन धरातल पर कहीं भी उनका दावा नजर नहीं आया है। बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे गर्मी और पानी की समस्या से बिलबिलाते रहे लेकिन इसका कोई असर किसी पर नहीं पड़ा हां हर जिम्मेदार अपनी उपलब्धियों के लिए कागजी बाजीगरी का खेल जरूर करने की हर चन्द कोशिश किया है।

बिजली आपूर्ति बन्द

बता दें 5 अक्टूबर से सरकार के द्वारा बिजली विभाग के निजी करण के प्रस्ताव के खिलाफ विभाग के कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल पर जाने और बिजली आपूर्ति बन्द करने का एलान किया तो प्रशासन के शीर्ष अधिकारी द्वारा जनता को हड़ताल के प्रभाव से मुक्त रखने के लिये तमाम दावे किये गये अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी लेकिन जब विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर गये तो प्रशासन की सारी व्यवस्था टांय टांय फिस हो गयी ।

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cororna virus1 सोशल मीडिया से

कन्ट्रोल रूम बनाने की जरूरत

शहर मुख्यालय पर 5 अक्टूबर को लगभग 11 बजे दिन में बिजली गायब हुई तो दूसरे दिन भी पता नहीं चला कि कब आयेगी। समस्या के निदान के लिए प्रशासन द्वारा बनाया गया कन्ट्रोल रूम का फोन नंबर 05452 260666 पर लगे कर्मचारी एक जल्दी फोन नहीं उठाते अगर उठा लिया तो सीधा जबाब हम क्या कर सकते है। तो ऐसे कन्ट्रोल रूम बनाने की जरूरत क्या है। यहां बतादे कि प्रशासन के लोग दावा करते हैं 35 सब स्टेशन बिजली आपूर्ति कर रहे हैं जब मुख्यालय पर हर तरफ जनेटर की आवाज सुनाई दे रही है तो कहाँ बिजली की आपूर्ति हो रही है सहज अनुमान लगा सकते हैं।

प्रशासन बिजली की आपूर्ति

शहर के उत्तरी इलाका जहां पर अहियापुर फीडर से बिजली आपूर्ति होती है अथवा सिविल लाईन इलाका जहां सभी आफिस आदि है यहां पर अगर प्रशासन बिजली की आपूर्ति कराने मे सफल नहीं रहा तो उसके दावे पर कैसे भरोसा किया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा संविदा के बिजली कर्मचारियों को आदेश दिया गया कि वह हड़ताल से वापस काम पर लौटे नहीं तो कार्यवाही कर दी जायेगी फिर कहीं उनको काम नहीं मिल सकेगा। लेकिन संविदा के कर्मचारी डीएम के आदेश को नहीं माने हड़ताल पर विभाग के साथ डटे रहे हैं।

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power सोशल मीडिया

जन मानस बेहाल

हालांकि पूरे दिन आफवाह वायरल रही कि अब बिजली आपूर्ति होगी कि तब आपूर्ति होगी लेकिन सायं काल तक तो आपूर्ति नहीं हो सकी है। जन मानस बेहाल रहा है। हालांकि जनता भी सरकार के नीतियों की आलोचना करती नजर आयी है। इस तरह सरकार की हिटलर शाही रवैया के कारण सरकार और बिजली विभाग के कर्मचारियों की लड़ाई में आम जनता बुरी तरह से पिस रही है न तो सरकार को जनता की फिकर है नहीं बिजली विभाग के लोग ही जनता की चिन्ता कर रहे हैं।

रिपोर्टर कपिल देव मौर्या



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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