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बाहुबली धनंजय सिंह: हाईकोर्ट से मिली जमानत, अपहरण-हत्या का दर्ज था मुकदमा

प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का आरोप था कि बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उनके आदमी को ही गिट्टी तथा बालू आपूर्ति का काम देने का दवाब डाला था।

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Published on: 27 Aug 2020 6:43 PM IST
बाहुबली धनंजय सिंह: हाईकोर्ट से मिली जमानत, अपहरण-हत्या का दर्ज था मुकदमा
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Dhananjay Singh

लखनऊ: बाहुबली छवि वाले पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी है। उन पर एक ठेकेदार को धमकी देने तथा वसूली का आरोप लगा था। जौनपुर में 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ अपहरण तथा हत्या की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था।

अपहरण के आरोप में गए थे जेल

प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का आरोप था कि बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उनके आदमी को ही गिट्टी तथा बालू आपूर्ति का काम देने का दवाब डाला था। धनंजय सिंह ने ऐसा न करने पर हत्या तथा अपहरण की धमकी दी थी। इससे पहले अपहरण और हत्या की धमकी के मामले में धनंजय सिंह के साथ संतोष विक्रम सिंह को जौनपुर की कोर्ट से 23 जुलाई को ही जमानत मिल गई थी। उसके बाद मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा था।

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Dhananjay Singh Dhananjay Singh

अभिनव सिंघल जिस कंपनी में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर (पीएस) कार्यरत हैं। उस कंपनी के पास जौनपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाने का टेंडर भी है। उन्होंने धनंजय सिंह के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का आरोप लगाया था कि धनजंय सिंह जबरन गिट्टी, बालू आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए धमकी दी थी। अभिनव को अपहरण कर धनंजय के घर ले जाया गया था। जिसके बाद धनंजय सिंह ने पिस्टल दिखाकर रंगदारी मांगी थी। इसी आरोप में धनजय सिंह जेल में बंद थे।

2002 में बने थे पहली बार सांसद

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धनंजय सिंह 2002 में 27 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद इसी मल्हनी सीट से सपा के टिकट से जीते फिर 2009 में धनजंय सिंह बसपा के टिकट पर सांसद बने। जबकि इसके पहले जौनपुर सीट से बसपा का कभी खाता नहीं खुला था। 2011 में बसपा सुप्रीमों मायावती ने उन्हे पार्टी से बाहर कर दिया।

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इसके बाद उन्होंने अपना राजनीतिक रास्ता खुद चुन लिया। 2014 में वह निर्दलीय चुनाव लडे पर मोदी लहर के चलते इस सीट पर टिक नहीं सके। इसके बाद 2017 में विधानसभा का चुनाव अपनी परम्परगत सीट मल्हनी से लड़े। लेकिन इस बार फिर उन्हे सफलता नहीं हासिल हो सकी।



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