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सपा- बसपा के कार्यकाल में नियुक्त अवर अभियंताओं की डिग्रियों की होगी जांच
नोएडा प्राधिकरण की नई सीईओ रितु मेहश्वरी ने भी सख्ती करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में प्राधिकरण ने नया कार्यालय आदेश जारी करते हुए सभी अवर अभियंताओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र जांचने के आदेश दे दिये हैं।
नोएडा: नोएडा प्राधिकरण में डेढ़ दशक के दौरान जो मनमर्जियां चलाई गई उन सभी पर आफत के बादल मंडराने लगे हैं। एक के बाद एक नई जांच एजेंसियां प्राधिकरण में दस्तक दे रही हैं।
सीबीआई, इनकम टैक्स, सीबीसीआईडी, स्टेट विजिलेंस, आर्थिक अपराध शाखा के बाद कॉरपरेट अफयेर्स मंत्रालय की सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग ने नोएडा में दस्तक दे दी है।
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अवर अभियंताओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र जांचने का आदेश
इसी बीच प्राधिकरण की नई सीईओ रितु मेहश्वरी ने भी सख्ती करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में प्राधिकरण ने नया कार्यालय आदेश जारी करते हुए सभी अवर अभियंताओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र जांचने के आदेश दे दिये हैं।
कहा जा रहा है कि सपा-बसपा सरकार के कार्यकाल में काफी संख्या में जेई संविदा पर लगाए गए। इनके लिए नियमों को भी बदला गया। ऐसे में फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वालों की मुसिबत अब बढ़ सकती है।
सीईओ के निर्देशानुसार वित्त विभाग ने कार्यालय आदेश जारी किया है। इसमें साफ-साफ कहा गया है कि वित्तीय अनियमिताओं को रोकने के लिए अवर अभियंता जो अस्थादई, संविदा और दैनिक वेतनभोगी हैं उन्हें अपने हाई स्कूल, डिग्री या डिप्लोमा संबंधी सभी प्रमाण पत्र की मूल प्रतियां प्राधिकरण में जमा करवानी होगी।
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि काफी शिकायतें मिल रही थी कि प्राधिकरण में फर्जी डिग्री लगाकर लोगों ने जेई का पद हासिल किया है।
इसके साथ विकास कार्यों को करनी वाली कंपनियों को अक्सर ऐसे अफसर परेशान करते हैं। प्राधिकरण के पास इनका कोई ऐसा डॉटा या फंड नहीं है जिसकी मदद से इन पर कार्रवाई हो सके।
सूत्रों का कहना है कि जो स्था ई कर्मी हैं उनका फंड रोक लिया जाता है लेकिन अस्थााई अभियंतों पर कार्रवाई होना संभव नहीं है। प्राधिकरण मूल प्रमाण पत्र अपने पास रखेगा और इसका सत्यापन भी करवाएगा जिससे फर्जी डिग्री वाले जेई को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकें।
वहीं, दूसरी तरफ 26 सितंबर 2007 को प्राधिकरण का कार्यालय आदेश जारी हुआ था जिसमें एमबी भरने की जिम्मेदारी अवर अभियंताओं को सौंपी गई थी। इस आदेश को आगे बढ़ते हुए प्राधिकरण ने एमबी की सत्यापन करने के बाद वरिष्ठ प्रबंधक स्तर से भुगतान किया जाएगा।
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स्टाम्प पर देना होगा क्षतिपूर्ति बंधपत्र
प्राधिकरण नए कार्यालय आदेश के तहत अब अवर अभियंताओं के जरिये 100 रुपये के स्टम्प पर क्षतिपूर्ति बंधपत्र लेगा। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व की हानि से बचना है। कार्यालय आदेश में साफ कर दिया गया है कि कम से कम पांच लाख रुपये तक भुगतान के दौरान यह क्षतिपूर्ति बंधपत्र लिया जाएगा।
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एमबी जांच पर देना होगा शपथ पत्र
कंपनियों द्वारा काम करवाने के दौरान मैजरमेंट बुक यानि एमबी भरने का अधिकारी पहले एपीई स्तर के अफसर पर था लेकिन 2007 में यह काम जेई को सौंप दिया गया। इसके बाद अस्था ई और संविदा पर काम करने वाले जेई द्वारा कंपनियों को परेशान करने की शिकायतें आती रही। इसी दौरान प्राधिकरण ने नया नियम जोड़ते हुए पांच लाख रुपये से ऊपर के कार्यों पर एमबी के साथ शपथ पत्र देने का आदेश जारी कर दिया है।