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लोको पायलट के परिवार की ऐसी दशा, खतरे में जान, अफसर बने मूकदर्शक

रेलवे में गुड्स लोको पायलट की पत्नी और बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है। पत्नी अपने बच्चों के साथ सुनसान इलाके में बने रेलवे आवास में जिंदगी व्यतीत कर रही है।

Shivani
Published on: 17 Aug 2020 5:56 PM GMT
लोको पायलट के परिवार की ऐसी दशा, खतरे में जान, अफसर बने मूकदर्शक
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Jhansi loco pilot family in railway colony situated in secluded area

झाँसी। रेलवे में गुड्स लोको पायलट की पत्नी और बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है। पत्नी अपने बच्चों के साथ सुनसान इलाके में बने रेलवे आवास में जिंदगी व्यतीत कर रही है। इसकी जानकारी लोको पायलट से लेकर रेलवे अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर रेलवे अफसर, अपने कर्मचारी का पक्ष लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि लोको पायलट की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र के माध्यम से बच्चों के साथ इच्छा मृत्यु की मांग की है। इस मामले को रेलवे बोर्ड ने गंभीरता से लिया है।

लोको पायलट की पत्नी और बच्चों को जान का खतरा

रेलवे आवास आरबी तृतीय डी-377 वर्कशॉप रोड नगरा में रहने वाली दीक्षा साजनानी ने रेलवे अफसर व अपने पति आदि को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि कोविड-19 के खतरनाक माहौल में बीमारी होने के डर के साथ-साथ अनेकों डर एवं परेशानियां हो रही है।

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रेल प्रशासन के अफसर बने मूकदर्शक

डीआरएम को लिखे पत्र में कोच फैक्ट्री के बनने के कारण बंगले के टूटने के बदले दूसरे किसी रेल आवास की आवश्यकता होने का लिखित पत्र दिया है जिससे हमें यहां इसी रेल आवास में सूनसान माहौल में है। जबकि चारों ओर के बंगले टूट चुके हैं और बारिश के मौसम में मकान जर्जर हालात होने की वजह से कभी भी किसी समय रेल आवास धराशायी होने की पूर्णत: आशंका बनी है।

जेसीबी मशीन से रेलवे आवास तोड़ने का किया था प्रयास

इस हालात के दौरान बंगल के बंगलों में जेसीबी द्वारा तोड़फोड़ शुरु कर दी गई है जिससे इस पुराने बने मकान की ओर आशंका मजबूत हो गई है। इसके साथ-साथ वारिश में आए दिन सॉप, बिछखावड़ा आदि जैसे जहरीले एवं खतरनाक जीव नितल रहे हैं जिससे उसे और उसके बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है।

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पत्र में कहा है कि आस-पास किसी और के न रहने की वजह से कभी भी जान-माल की क्षति हो सकती है। यही नहीं, किसी भी समय अनहोनी घटना घटित हो सकती है। पत्र के माध्यम से महिला ने अपनी व बच्चों की सुरक्षा व रेलवे आवास देने की मांग की है।

पति ने कहा कि उसे नहीं है रेल आवास की जरुरत

मंडल रेल प्रबंधक (कार्मिक) सलाहकार (कार्मिक) आर पी पाल ने श्रीमती दीक्षा साजनानी को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि आपके द्वारा भेजा गया पत्र मिला है। इस पत्र के माध्यम से अवगत कराने चाहते हैं कि रेल आवास संख्या डी-377 स्थित वर्कशाप रोड पश्चिम झाँसी, योगेन्द्र साजनानी, लोको पायलट गुड्स झाँसी को आवंटित है, जो कि प्रस्तावित कोच फैक्ट्री के अंतर्गत आ रहा है। कर्मचारी ने उक्त रेल आवास खाली करने एवं बदले में दूसरा रेल आवास न लेने हेतु अनुरोध किया है। पत्र में कहा है कि दीक्षा द्वारा दिए गए आवेदन पर रेलवे नियमानुसार कोई कार्रवाई की जानी संभव नहीं है।

रिपोर्टर- बी.के. कुशवाहा झाँसी

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