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झांसी में हुआ कृषक प्रशिक्षण का आयोजन, किसानों को दी गई ये सभी जानकारियां

राजकीय उद्यान नारायण बाग झाँसी में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किशोरी लाल रायकवार सभासद की अध्यक्षता में हुआ, प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" (माइक्रो इरिगेशन योजना) की विस्तृत जानकारी दी गई।

Monika
Published on: 8 March 2021 12:04 AM IST
झांसी में हुआ कृषक प्रशिक्षण का आयोजन, किसानों को दी गई ये सभी जानकारियां
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किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती अपनाएं और आय दोगुनी करें

झाँसी: राजकीय उद्यान नारायण बाग झाँसी में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किशोरी लाल रायकवार सभासद की अध्यक्षता में हुआ, प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" (माइक्रो इरिगेशन योजना) की विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि जनपद में सामान्यतया वर्षा 800-900 मि.मी. होती है जिसका 30-35% जल सिंचाई हेतु उपयोग हो पाता शेष जल्द नदी-नालों में बहकर चला जाता है, यदि इस संरक्षित जल को टपक सिंचाई/ स्प्रिंकलर विधि द्वारा प्रयोग करें तो सिंचाई की क्षमता दोगुनी बढ़ जाएगी साथ ही उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।

स्प्रिंकलर सेट एवं स्थापना का कार्य

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में नीरज सचान ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी एवं बताया कि यहां पर पर्याप्त संख्या में स्प्रिंकलर सेट एवं स्थापना का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने किसानों को मोटिवेट करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी सिंचाई पद्धति में बदलाव लाएं और शासन की अनुदानित योजना का लाभ अधिक से अधिक उठाएं। नारायण बाग में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ सुनील सेठ प्रधान वैज्ञानिक उद्यान (ग्रास लैंड) द्वारा पानी की उपलब्धता होने पर सब्जियों की खेती करने की जानकारी दी, उन्होंने बताया कि गर्मियों में लता वाली सब्जियों की खेती करने हेतु खेतों में बुवाई से पूर्व पॉलीथिन थैली में पौधे तैयार कर खेत में रोपण कर टपक सिंचाई की स्थापना करके कम पानी में भी अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की जा सकती है और उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

स्ट्रॉबेरी की खेती

80-90 प्रतिशत तक सरकार द्वारा अनुदान

शिव कुमार सिंह सर्विस अभियंता जैन इरीगेशन सिस्टम ने कृषकों को ड्रिप की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके उपयोग करने से उर्वरक की उपयोगिता 70-80% रहती है बागों में ड्रिप सिंचाई लगाने से 60% तक पानी की बचत की जा सकती है, उन्होंने बताया कि इसमें 80-90 प्रतिशत तक सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान डॉ ए के सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक ग्रास लैंड ने फल सब्जियों के उत्पादन में मृदा प्रबंधन का विशेष महत्व है, इसकी जानकारी दी, उन्होंने बताया कि इसमें टपक सिंचाई द्वारा पोषक तत्वों का उपयोग सिंचाई के साथ साथ कर सकते हैं जिसका लाभ सीधे उत्पादन को प्रभावित करता है।

डॉक्टर मुकेश चौधरी वरिष्ठ वैज्ञानिक ग्रास लैंड ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति का महत्व एवं पोषक उपयुक्त फसलों के चयन के बारे में बताया। एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद नीरज सचान द्वारा उपस्थित कृषकों को श्री हरदीप सिंह चावला हैप्पी के फॉर्म हाउस पर भ्रमण कराया गया जहां किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती तथा टमाटर की खेती में ड्रिप सिंचाई कैसे की जाए को मौके पर दिखाया गया, उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा सकती है इसका कम पानी में भी अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। इस मौके पर भ्रमण के दौरान बड़ी संख्या में किसानों के साथ विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट- बी के कुश्वाहा

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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