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Jhansi News: युवती ने भगवान शिव से रचाई शादी, शिवलिंग को रथ पर सवार कर निकाली गई बारात
Jhansi News: एक युवती ने सावन में भगवान शिव से शादी रचाई है। यह शादी बड़ागांव गेट बाहर स्थित ब्रहमकुमारी आश्रम में हुई। दुल्हन बनी गोल्डी ने उन्हें वरमाला पहनाकर अपना जीवनसाथी बना लिया।
Jhansi News: एक युवती ने सावन में भगवान शिव से शादी रचाई है। यह शादी बड़ागांव गेट बाहर स्थित ब्रहमकुमारी आश्रम में हुई। दुल्हन बनी गोल्डी ने उन्हें वरमाला पहनाकर अपना जीवनसाथी बना लिया। दुल्हन बोली- अब शिव जी के लिए मेरा पूरा जीवन समर्पित। वे हर मुसीबत में मेरा साथ देंगे। इस शादी में हल्दी कार्यक्रम, संगीत, वरमाला से लेकर सभी रस्में निभाई गई। यहां तक बारात के साथ बाकायदा सेहरा लगाए भगवान शिव पहुंचे। धूमधाम से शादी हुई। शादी देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ पड़ी कि कुर्सियां कम पड़ गई। लोगों को जमीन में बैठकर शादी देखनी पड़ी है। सबसे बाद में भोज का भी आयोजन किया गया।
शादी में बाकायदा पूरे रस्में निभाई गई
गोल्डी की शादी में बाकायदा पूरी रस्में निभाई गईं। सबसे पहले निमंत्रण कार्ड छपवाए गए और रिश्तेदारों व मिलने वालों को बांटे गए। 2 दिन पहले उनके घर पर हल्दी प्रोग्राम हुआ। जिसमें रिश्तेदारों ने गोल्डी को हल्दी चढ़ाई। इसके बाद रविवार रात को बड़ागांव गेट बाहर गीतांजलि विवाह घर में शादी हुई। सत्यम कॉलोनी स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम से भगवान शिव की शिवलिंग रथ पर सवार की गई। उनको सेहरा पहनाया गया। जब शिव बारात विवाह घर पहुंची तो महिलाओं ने दूल्हे का टीका किया। इसके बाद वरमाला का कार्यक्रम हुआ। बाद में शादी में शामिल हुए लोगों ने भोजन किया। शादी में माता-पिता ने गोल्डी को कपड़े, बर्तन, उपहार भेंट किए। गोल्डी का कहना है कि अब मैं भगवान शिव के साथ बीएचईएल स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहूंगी और समाज सेवा करूंगी।
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बीकॉम पास है गोल्डी, समाजसेवा में लगन
महानगर के बड़ागांव गेट के अन्नपूर्णा कॉलोनी निवासी गोल्डी (27) बताती हैं, ‘जब मैं 10 साल की थी। तब माता-पिता ने पढ़ने के लिए इंदौर में ब्रह्माकुमारी हॉस्टल में भेज दिया था। हॉस्टल में रहकर 6वीं कक्षा से ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की। साथ ही आध्यात्मिक पढ़ाई भी की। इसके बाद समाजसेवा से मन लग गया। 2016 में बीकॉम कंप्लीट करने के बाद इंदौर के ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहने लगी और समाज सेवा करने लगी। इसके बाद झांसी के सत्यम कॉलोनी स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आकर रहने लगी।’
दो माह पहले भगवान शिव से शादी करने का बनाया था मन
गोल्डी ने बताया कि मैं बृहमाकुमारी आश्रम से जुड़ी हुई थी। यहां अन्य बहने अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर समाज की सेवा में लगा रही थी। उन्हीं को देखकर उसने दो माह पहले भगवान शिव से शादी करने का ख्याल आया। उसने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया उन्होंने उसका विरोध नहीं किया, बल्कि उसका समर्थन किया। आस-पड़ोस के लोगों ने इसका विरोध किया था लेकिन उसके माता-पिता ने उसका पूर्ण रुप से सहयोग किया है।
भगवान शिव हर मार्ग पर उसका साथ देंगे
उन्होंने कहा, बचपन से उसे शादी का ख्याल नहीं आता था। लेकिन अब मैंने भगवान शिव से शादी करने का मन बनाया और रविवार रात को शादी कर ली। मैंने कभी सोचा नहीं था कि सचमुच मेरी इस तरह से शादी होगी, ये शादी करके बहुत अच्छा लगा। मैंने उनको अपना सजना बनाया है, जो हमेशा उसका साथ देने वाले हैं। एक महिला चाहती है कि उसका पति हमेश साथी दे। उसे भगवानशिव से अच्छा कोई साथ देने वाला नहीं लगा। अब वे हमेशा उसके साथ देंगे। आगे वह समाज सेवा करूंगी।
गोल्डी के पिता डाक विभाग में करते हैं जॉब
गोल्डी के पिता बलराम रायकवार बबीना के डाकघर में उप डाकपाल के पद पर कार्यरत हैँ। जबकि मां किरण हाउस वाइफ है। गोल्डी से बड़ा एक भाई राहुल है, जबकि छोटी बहन निनि और नैंसी है। शादी में पहुंची भोपाल जोन की निर्देशिका राजयोगिनी बृहमकुमारी अवधेश दीदी का कहना है कि शादी के बाद कन्या एक कुल को संभालती है, लेकिन गोल्डी वो कन्या है जो 21 कुल का उद्धार करने वाली है। ये ऐसा समारोह हुआ है जिसका पूरा विश्व गुणगान करेगा।