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Jhansi News: बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी प्रकरण: खातों से धनराशि निकासी पर लगी रोक, जाने क्या है मामला
Jhansi News: सचिव बिना किसी पूर्व सूचना के समिति के सभी अभिलेख लेकर हो गया था गायब।
Jhansi News: बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वेतन भोगी सहकारी समिति जनपद झांसी में सचिव पद की नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद के बीच सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता ने समिति के खातों की धन निकासी पर रोक लगा दी है। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता ने बताया है कि सहकारी निर्वाचन 2023 में समिति सचिव बिना किसी पूर्व सूचना के समिति के सभी अभिलेख लेकर गायब हो गये थे, जिससे न तो समिति का निर्वाचन हो पाया था, न ही नए संचालक मंडल का गठन हो पाया था। इस बीच समिति सचिव उत्तम सिंह पटेल द्वारा अपने पद से त्याग पत्र भी दे दिया गया, जिससे समिति सचिव पद का रिक्त हो गया था।
सहकारी बैंक का लगभग दो करोड़ पीएनबी बैंक में है जमा
रिक्त समिति सचिव के पद पर नियुक्ति हेतु अध्यापकों के कई गुट लगातार प्रार्थना पत्र दे रहे थे लेकिन संचालक मण्डल के अस्तित्व में न होने के कारण नए समिति सचिव की नियुक्ति सम्भव नहीं थी। इस बीच समिति की वित्तीय स्थिति का आंकलन किया गया, जिसमें स्पष्ट हुआ कि फरवरी 2023 से समिति की ऋण अदायगी की नियमित किस्ते जिला सहकारी बैक को प्राप्त ही नहीं हुई है तथा जिला सहकारी बैक का लगभग 2 करोड़ पंजाब नेशनल बैक में जमा है। इस खाते का परिचालन समिति सचिव द्वारा किया जाता है।
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समिति में बनी बड़े वित्तीय गबन की आशंका
विगत कुछ दिनों में समिति में जिस प्रकार की घटनायें घटित हो रही थी, उससे समिति में किसी बड़े वित्तीय गबन की आशंका बन रही थी। पहले समिति का जानबूझकर निर्वाचन नहीं होने दिया गया, उसके उपरान्त समिति सचिव द्वारा त्याग पत्र दे दिया गया, इसके उपरान्त कुछ समय पूर्व ही समिति कार्यालय का ताला तोड़कर समिति से कम्प्यूटर तथा अन्य अभिलेख गायब हो गए। जिसमें समिति सदस्यों से वसूली का रसीद कट्टा भी था। इसके उपरान्त समिति सचिव पद पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति का फर्जी समाचार भी प्राप्त हुआ। जिसकी बाद में समाचार पत्रों के माध्यम से पूर्व समिति अध्यक्ष द्वारा पुष्टि भी हुई। इन घटनाओं को एक साथ जोड़कर देखने पर यह स्पष्ट हो रहा था कि समिति पर वित्तीय नियन्त्रण स्थापित करने एवं जिला सहकारी बैक के लगभग 2 करोड़ की धनराशि को सुरक्षित रखने हेतु तत्काल ही किसी व्यक्ति को समिति का वित्तीय अधिकार देना अत्यधिक आवश्यक है, ताकि जिला सहकारी बैक के गबन की किसी भी सम्भावना को समाप्त किया जा सके एवं समिति सदस्यों के धन के किसी भी दुरुपयोग को रोका जा सके।
वित्तीय अधिकार प्रदान के दिए गए थे संजीव सिंह को आदेश
इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जिला सहकारी बैक के सचिव सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी से परामर्श के उपरान्त अनुभाग अधिकारी संग्रह संजीव सिंह को मात्र वित्तीय अधिकार प्रदान किये गये थे। उनको किसी प्रकार का नीतिगत निर्णय लेने या प्रशासनिक अधिकार प्रदान न करने का स्पष्ट उल्लेख आदेश में किया गया था। किन्तु अध्यापकों के एक समूह द्वारा बिना किसी आधार के संजीव सिंह के पूर्व सेवा रिकार्ड के आधार पर कार्यालय सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता जनपद झांसी में एआर कोआपरेटिव के साथ अत्यधिक आक्रामक, अभद्र तथा अमर्यादित आचरण करते हुये तीन घंटे बंधक बनाकर जोर जबरदस्ती से समिति के वित्तीय प्रभारी के आदेश को रदद् करवा दिया गया था। इन स्थितियों में सचिव सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला सहकारी बैंक लि. झांसी द्वारा सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता को इस आशय का अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया कि समिति के खातों से धन निकासी पर तत्काल रोक लगा दी जाए ताकि जिस तरह से हाल ही में सचिव की नियुक्ति का फर्जी आदेश जारी हुआ था, वैसा ही आदेश पुनः जारी कराकर तथा प्रशासनिक अव्यस्था का फायदा उठाकर किसी भी व्यक्ति द्वारा जिला सहकारी बैंक की निधियों के गबन तथा दुरुपयोग की किसी सम्भावना को रोका जा सके।
फर्जी आदेश के तहत हुई थी सचिव की नियुक्ति!
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता जनपद झांसी द्वारा बताया गया है कि सचिव सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला सहकारी बैक झांसी द्वारा प्रेषित अनुरोध पत्र के क्रम में तत्काल समिति के सभी खातों से धन निकासी पर रोक के निर्देश शाखा प्रबन्धक को दे दिये गये हैं। इनके द्वारा बताया गया कि पूर्व में भी उनके द्वारा स्पष्ट किया गया था कि समिति सदस्यों के निधियों को सुरक्षित रखने तथा जिला सहकारी बैक के वसूली की बड़ी धनराशि को सुरक्षित रखने के मकसद से ही जिला सहकारी बैक के कर्मचारी को मात्र वित्तीय अधिकार दिये गये थे। जिस तरह से बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वेतन भोगी सहकारी समिति लि. जनपद झांसी के सचिव की नियुक्ति का फर्जी आदेश जारी हुआ था, उन स्थितियों में यह कदम उठाना उनकी प्रशासनिक जिम्मेदारी थी। अध्यापकों के एक समूह द्वारा बिना किसी ठोस बजह के तथा बिना किसी साक्ष्य तथा प्रमाण के जिस तरह से विधिक प्रक्रियाओं से पृथक जाकर अनुचित दबाव स्थापित करके तथा बंधक बनाकर यह आदेश रद्द कराया गया, वह हैरान करने वाली घटना है। पूरे प्रकरण की आख्या प्रमाणों सहित उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है। आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही की जायेगी।