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Jhansi News: व्यापार को बढ़ाने के लिये कंपनी सचिवों की अहम भूमिका हैः सदर विधायक

Jhansi News: मुख्य वक्ता सीएस अमित गुप्ता जो की एनसीएलटी में प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं ने बताया की हाल ही में 07 अगस्त, 2023 को संसद द्वारा पारित मध्यस्थता विधेयक 2023 ने कंपनी सचिवों के लिए बड़े अवसर खोले हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 12 Aug 2023 7:50 PM IST
Jhansi News: व्यापार को बढ़ाने के लिये कंपनी सचिवों की अहम भूमिका हैः सदर विधायक
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(Pic: Newstrack)

Jhansi News: भारतीय कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर ने पहला बुंदेलखंड आवासीय सम्मेलन होटल बुंदेलखंड प्राइड में आयोजित किया। यह सम्मेलन नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कंपनी सचिव की भूमिका और सीएसआर के विषय में कंपनी सचिवों की भूमिका के बारे में था। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि झाँसी के सदर विधायक पंडित रवि शर्मा थे। सदर विधायक ने बताया कि आजकल के युग में व्यापार को बढ़ाने के लिये कंपनी सचिवों की अहम भूमिका है। विशेष अतिथि सीएस सुरेश पांडेय काउंसिल मेम्बर, कंपनी सचिव संस्थान ने बताया कि कंपनी सचिव को सरकार ने कुछ विशेष अधिकार दिये हैं, जिसके तहत वो कंपनी के कुछ काम स्वतंत्र रूप से करता है।

इस अवसर पर सीएस वैभव अग्निहोत्री, चेयरमैन भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि आज की पीढ़ी में कंपनी सचिवों की बहुत बहुमूल्य भूमिका है क्योंकि एमसीए का नया पोर्टल आने के बाद से सिस्टम अपने आप कम्पनीज़ के गैर अनुपालन को प्रदर्शित करके नोटिस भेजता है और इसी कारण से एनसीएलटी में कंपनी सचिवों के प्रैक्टिस में काफ़ी अवसर बढ़ गये हैं।

विधेयक ने कंपनी सचिवों के लिए बड़े अवसर खोले हैं - अमित गुप्ता

सम्मेलन में पहले मुख्य वक्ता सीएस अमित गुप्ता जो की एनसीएलटी में प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं ने बताया की हाल ही में 07 अगस्त, 2023 को संसद द्वारा पारित मध्यस्थता विधेयक 2023 ने कंपनी सचिवों के लिए बड़े अवसर खोले हैं। उच्चतम न्यायालय में लगभग 70 हजार मामले, उच्च न्यायालयों में 60 लाख मामले और जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में चार करोड़ मामले लंबित हैं। अब पक्ष किसी भी अदालत या न्यायाधिकरण में जाने से पहले नागरिक या वाणिज्यिक विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने का प्रयास करने के लिए बाध्य होंगे।

बंद की गई कंपनियों की बहाली में कॉर्पोरेट्स की मदद कर रहे हैं। हालाँकि, एक पक्ष दो मध्यस्थता सत्रों के बाद मध्यस्थता से हट सकता है। मध्यस्थता अब 180 दिनों के भीतर मध्यस्थता प्रक्रिया को पूरा करने की बाध्यता के साथ अनिवार्य हो जाएगी, जिसे पार्टियों द्वारा 180 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। कंपनी सचिव, जो कॉर्पोरेट कानून मामलों के विशेषज्ञ हैं, एक और कॉर्पोरेट पुनर्गठन, विलय, सम्मेलन, दिवाला समाधान, समापन, परिसमापन, बंद की गई कंपनियों की बहाली में कॉर्पोरेट्स की मदद कर रहे हैं और दूसरी और जनता की मदद कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट्स से उनकी गाढ़ी कमाई की वसूली, शेयरधारकों के विवादों का समाधान, उत्पीड़न और कुप्रबंधन के मामलों के खिलाफ उपाय लागू करके शेयरधारकों के अधिकारों की रक्षा करना अहम मुद्दे हैं।

सीएसआर अब पूरी तरह से बदल गया हैः अंकुर श्रीवास्तव

आईसीएसआई के कानपुर चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष एव कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड के कंप्लायंस ऑफिसर सीएस अंकुर श्रीवास्तव ने कंपनी सचिव के सीएसआर पेशेवर के रूप में कार्य करने पर दूसरा तकनीकी सत्र लिया। उन्होंने बताया कि सीएसआर अब पूरी तरह से बदल गया है क्योंकि यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के मामलों से जुड़ा हुआ है, सरकार ने इस पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। अब यह एक स्वतंत्र अभ्यास क्षेत्र के रूप में विकसित हो गया है। सीएस अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि भारत पहला और एकमात्र देश है जहां कंपनी अधिनियम के तहत अनिवार्य सीएसआर प्रावधान पेश किए गये।

इस अवसर पर वरिष्ठ कंपनी सचिव मनजीत सिंह, सीएस के श्रीधर, सीएस रीना जाखोडिया, उपाध्यक्ष, सीएस आशीष बंसल सचिव, सीएस मनीष कुमार पाल, कोषाध्यक्ष, सीएस अरविंद भार्गव, सीएस मनोज यादव उपस्थित रहें। यह सम्मेलन झाँसी और कानपुर के बड़े कंपनी सचिवों की मौजूदगी में हुई। प्रोग्राम का संचालन सीएस दमनजीत कौर ने सुचारू रूप से किया।



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