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टेंडर धोखाधड़ी में तीन जालसाजों समेत, नगर पालिका चेयरमैन भी शामिल
सुक्खीपुर निवासी वादी विश्वनाथ का आरोप है कि नगर पालिका से निकलने वाले टेंडरों में कूट रचना करते हुए लाभ प्राप्त कर ई टेंडरिंग के नाम पर कतिपय पार्टियों को वितरित किए जा रहे हैं। 10 अप्रैल 2018 को आरोपितों ने होर्डिंग से कर वसूली के लिए ई टेंडरिंग के नाम पर टेंडर जारी किया बताया गया कि टेंडर का प्रकाशन ई टेंडरिंग से कराया गया है।
जौनपुर: सीजेएम प्रहलाद सिंह ने नगर पालिका अध्यक्ष माया टंडन,अधिशासी अधिकारी कृष्णचंद्र तथा प्रताप इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ विश्वनाथ मिश्रा द्वारा दायर धोखाधड़ी व जालसाजी की दरखास्त को बतौर परिवाद दर्ज कर वादी व गवाहों को बयान के लिए 20 जुलाई को तलब किया है।
सुक्खीपुर निवासी वादी विश्वनाथ का आरोप है कि नगर पालिका से निकलने वाले टेंडरों में कूट रचना करते हुए लाभ प्राप्त कर ई टेंडरिंग के नाम पर कतिपय पार्टियों को वितरित किए जा रहे हैं। 10 अप्रैल 2018 को आरोपितों ने होर्डिंग से कर वसूली के लिए ई टेंडरिंग के नाम पर टेंडर जारी किया बताया गया कि टेंडर का प्रकाशन ई टेंडरिंग से कराया गया है।
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उप जिलाधिकारी द्वारा जांच की गई जिसमें कूटरचना होना पाया गया
समाचार पत्र प्रकाशन नहीं कराया गया है जबकि सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के तहत टेंडर के प्रकाशन की पूर्व प्रक्रिया में कुछ भी परिवर्तन न करते हुए एवं अभिलेखों के संबंध में ई टेंडरिंग की व्यवस्था अपनाए जाने का प्रावधान शासनादेश में है। आरोपितों द्वारा कूट रचना करके अनुबंध तैयार किया गया। उप जिलाधिकारी द्वारा जांच की गई जिसमें कूटरचना होना पाया गया।
2016 के पूर्ववर्ती शासनादेश में टेंडर को समाचार पत्र में प्रकाशित कराए जाने की व्यवस्था को 12 मई 2018 को जारी किए गए शासनादेश में समाप्त नहीं किया गया है। नगर पालिका द्वारा टेंडर को समाचार पत्र में प्रकाशित न कराए जाने के आधार पर शासनादेशों का उल्लंघन होने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया। अपर जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा।
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निविदाएं आमंत्रित किए जाने एवं उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति को कार्यादेश जारी किए जाने का उल्लेख है
स्पष्टीकरण में 12 मई 2017 के शासनादेश के अनुसार विज्ञापन कर की वसूली के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित किए जाने एवं उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति को कार्यादेश जारी किए जाने का उल्लेख है। ई ओ के स्पष्टीकरण में ई टेंडरिंग में नियम एवं प्रक्रिया में परिवर्तन किए बिना इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का प्रयोग किए जाने का भी हवाला है।
जिलाधिकारी द्वारा प्रेषित तथ्य निदेशक स्थानीय निकाय के समक्ष विचाराधीन है। वादी ने टेंडर में अनियमितता की धनराशि का विवरण प्रार्थना पत्र में नहीं दिया है।थानाध्यक्ष व एसपी ने दरखास्त के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की।कोर्ट ने मामले को बतौर परिवाद दर्ज किया।