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'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना में 25 लाख खर्च करने फिसड्डी रहा कन्नौज
वर्ष 2018-19 में जिले को 25 लाख रुपए का बजट मिला था। इस बजट से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रचार-प्रसार करना था। पिछले साल अधिकारियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई और एक धेला भी नहीं खर्च किया।
कन्नौज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का प्रचार-प्रसार करने में भी अधिकारियों ने लापरवाही बरती। अब तक के आलाधिकारियों के रुचि न लेने की वजह से बजट खर्च नहीं हुआ। पिछला वित्तीय साल तो पूरा निकल गया, उसमें तो धेला भी कहीं लगाया गया। अब जब 10 दिन ही बचे हैं तो 17 लाख रुपए खर्च करने की चुनौती है। जिसकी वजह से सूबे में अपना जिला 75वें नंबर पर रहा।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की दो साल से पड़ी है खातों में धनराशि
वर्ष 2018-19 में जिले को 25 लाख रुपए का बजट मिला था। इस बजट से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रचार-प्रसार करना था। पिछले साल अधिकारियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई और एक धेला भी नहीं खर्च किया। बजट खर्च न करने की वजह से वर्ष 2019-20 के लिए नई स्वीकृति नहीं हुई। शासन स्तर पर समीक्षा हुई तो अपना कन्नौज नीचे से पहले और पूरे सूबे में सबसे अंत में आया।
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इससे जिले की किरकरी हुई। निदेशक मनोज राय ने भी पत्र लिखकर नाराजगी जताई। कहा कि बजट खर्च करने व योजना के प्रचार-प्रसार में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने होर्डिंग व फ्लक्स लगाने का फरमान जारी किया। अब जब वित्तीय वर्ष समापन को 10 दिन बचे हैं तो वॉल पेंटिंग का काम चलने लगा है। सरकारी दफ्तरों व भवनों के आस-पास पेंटर लगे हैं। उधर, कुछ दिनों पहले झोला व पर्स भी महिलाओं को बांटे गए।
क्या बोले डीपीओ
डीपीओ प्रेमेंद्र कुमार ने बताया कि 25 लाख रुपए के बजट के सापेक्ष आठ लाख रुपए प्रचार-प्रसार में खर्च कर दिया गया है। पेंटिंग भी कराई जा रही है। अन्य कई कार्यक्रम भी हुए हैं। अधिक से अधिक बजट खर्च कर लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक व आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
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ये होने थे कार्यक्रम
-अस्पताल में बेटी के जन्म लेने पर माता को गिफ्ट देना और खुशी मनाना।
-बेटियों के हित में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना।
-घरों पर जाकर बेटियों व माताओं को जानकारी देना आदि।