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Kannauj News: सांसद सुब्रत पाठक सहित दस लोगों को कोर्ट ने किया बरी

Kannauj News: भाजपाइयों का कहना है कि हम लोगों को 2014 में अखिलेश की सपा सरकार में फर्जी मुकदमों में फसाया गया था। जिसका आज फैसला आया है। मुकदमा झूठा साबित हुआ है।

Pankaj Srivastava
Published on: 11 Aug 2023 11:10 PM IST
Kannauj News: सांसद सुब्रत पाठक सहित दस लोगों को कोर्ट ने किया बरी
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सांसद सुब्रत पाठक सहित दस लोगों को कोर्ट ने किया बरी: Photo- Newstrack

Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में मौजूदा भाजपा सांसद सुब्रत पाठक सहित 10 लोगों को अदालत ने एक मामले में साक्ष्य न होने के कारण निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। सांसद के खिलाफ कोर्ट ने मामला झूठा पाया और निर्दोष करार देते हुए मामला समाप्त कर दिया जिससे भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपाइयों का कहना है कि हम लोगों को 2014 में अखिलेश की सपा सरकार में फर्जी मुकदमों में फसाया गया था। जिसका आज फैसला आया है। मुकदमा झूठा साबित हुआ है।

बताते चलें कि 2014 में अखिलेश यादव की सपा सरकार थी। इस दौरान सुब्रत पाठक सहित उनके अन्य साथियों पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन के साथ सड़क जाम करने का मामला दर्ज कराया गया था। यह मुकदमा सपा सरकार में दर्ज कराया गया था जो न्यायालय में विचाराधीन था। इस मामले में अदालत में आज सुनवाई करते हुए भाजपा सांसद सुब्रत पाठक सहित सभी लोगों को दोषमुक्त मानते हुए निर्दोष करार दिया है। अदालत के इस फैसले से सांसद के समर्थकों सहित भाजपाइयों में खुशी देखने को मिल रही है।

झूठा मुकदमा

मामले में पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता अनूप दुबे ने बताया कि एक झूठा मामला प्रशासन द्वारा सपा सरकार के दबाव में 2014 में लिखाया गया था। यह आरोप लगाकर लिखाया गया था कि सुब्रत पाठक ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर तिर्वा क्रासिंग पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंका है आवागमन अवरुद्ध किया है। जनता में भय व्याप्त था। यह मुकदमा सुब्रत पाठक सहित 10 लोगों के खिलाफ लिखाया गया उसके साथ 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखाया गया था। मामला कोई नहीं था यह झूठा मुकदमा लिखाया गया था। इसका आज फैसला हुआ है।

यह फैसला हुआ है कि भारतीय न्यायपालिका वाकई में सर्वोपरि है। न्यायपालिका की वजह से यह लोग दोषमुक्त हुए हैं। सही न्याय किया है। इसमें सुब्रत पाठक, सौरभ कटियार, दीपू ठाकुर, प्रभात वाजपेई, विक्रम त्रिपाठी, छोटू यादव, निरंजन त्रिवेदी, निहाल वर्मा, श्याम जी मिश्रा सहित 10 लोगों के खिलाफ साक्ष्य न होने के कारण न्यायालय ने बरी कर दिया।



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Pankaj Srivastava

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